शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012

देवी के सामने प्रकट हुई इच्छाधारी नागिन, महीनों तक गुफा में करती हैं साधना!


रांची.इच्छाधारी नागिन के नाम के प्रसिद्ध वर्मा (म्यांमार) की महारानी बन्ना सारा, भंते सत्यानंद चार बुद्धिष्टों के साथ तीर्थ नगरी मां भद्रकाली मंदिर पहुंची। यहां संतों ने मां की दर्शन पूजन कर सहस्त्र शिवलिंगम पंचमुखी हनुमान मंदिर, कोठेश्वरनाथ एवं संग्रहालय में रखे कई अवशेषों का अवलोकन कर मत्था टेका।
इससे पूर्व महारानी ने मंदिर परिसर के एक पेड़ के नीचे सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए बोतल में जल को मंत्र से सिद्ध कर उस जल को पीने की राय दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस जल को ग्रहण करेगा, उसकी शरीर की सारी बीमारी दूर हो जाएगी। इस दौरान महारानी ने कई रोगों से ग्रसित लोगों को मंत्र से झाड़-फूक कर उसे रोग मुक्त होने का आशीर्वाद दिया।
महारानी के साथ आए पीएस सरयू मालाकार ने प्रेसवार्ता में कहा कि यह महारानी इच्छाधारी नागिन छह माह बौद्ध गया के वरम्यू विहार मठ में साधक के रूप में साधना में लीन रहती है और शेष समय में महारानी भक्तों पर दया बरसाती रहती हैं। बाकी छह माह वर्मा के एक मंदिर के समीप एक गुफा में साधना करती हैं।
उन्होंने कहा महारानी भविष्यवाणी भी करती हैं। ज्ञातव्य हो कि महारानी को मंदिर लाने में अहम भूमिका उनके पीए सरयू मालाकार की रही। इस दौरान मंदिर के होटलों में रखे विस्लरी बोतल दो घंटे में समाप्त हो गए। आनन-फानन में श्रद्धालुओं के लिए होटलों के संचालक दो से तीन बार इटखोरी बाजार से पानी ढोते देखे गए।

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