इससे पूर्व महारानी ने मंदिर परिसर के एक पेड़ के नीचे सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए बोतल में जल को मंत्र से सिद्ध कर उस जल को पीने की राय दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस जल को ग्रहण करेगा, उसकी शरीर की सारी बीमारी दूर हो जाएगी। इस दौरान महारानी ने कई रोगों से ग्रसित लोगों को मंत्र से झाड़-फूक कर उसे रोग मुक्त होने का आशीर्वाद दिया।
महारानी के साथ आए पीएस सरयू मालाकार ने प्रेसवार्ता में कहा कि यह महारानी इच्छाधारी नागिन छह माह बौद्ध गया के वरम्यू विहार मठ में साधक के रूप में साधना में लीन रहती है और शेष समय में महारानी भक्तों पर दया बरसाती रहती हैं। बाकी छह माह वर्मा के एक मंदिर के समीप एक गुफा में साधना करती हैं।
उन्होंने कहा महारानी भविष्यवाणी भी करती हैं। ज्ञातव्य हो कि महारानी को मंदिर लाने में अहम भूमिका उनके पीए सरयू मालाकार की रही। इस दौरान मंदिर के होटलों में रखे विस्लरी बोतल दो घंटे में समाप्त हो गए। आनन-फानन में श्रद्धालुओं के लिए होटलों के संचालक दो से तीन बार इटखोरी बाजार से पानी ढोते देखे गए।
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