बाड़मेर भूमि अवाप्ति विरोध पर दुनिया की नजर
बाड़मेर शिवकर लिग्नाइट परियोजना के विरोध में छह दिन से चल रहे धरने ने बाड़मेर को विश्व पटल पर ला दिया है, शहर से केवल आठ किलोमीटर की सीमा में बाड़मेर के सात गावों में उक्त परियोजना के लिए भूमि आवाप्ति के लिए कार्यवाही की जा रही है, जिसके विरोध में लीगल मित्र संस्था के बैनर तले पीड़ित किसान एक जुट हो कर पिछले छह दिन से कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे है, गौरतलब है की उक्त परियोजना से न केवल गोवों की तकरीबन पांच हजार लोग प्रभावित होंगे बल्कि शहर के इतने समीप होने वाले खनन से पुरे बाड़मेर शहर का वातावरण ख़राब हो जायेगा.
उक्त भूमि को आर एस एम् एम् एल कंपनी के लिए अवाप्त किया जाना प्रस्तावित है लेकिन सरकार ने अभी तक उक्त परियोजना के लिए पर्यावरण महकमे की मंजूरी नहीं ली है. लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने बताया की " बिना पर्यावरण विभाग की अनुमति लिए और बिना सामाजिक सर्वेक्षण करवाए इतने लोगों को बेदखल किये जाने की कार्यवाही मनमानी है, यदि भूमि अवाप्त होने के बाद उक्त परियोजना को पर्यावरण की अनुमति नहीं मिलती तो गरीब किसान बेवजह बेघर हो जायेंगे" यही कारण है की बाड़मेर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा , तेल की खोज और सैन्य अभ्यास सुदर्शन के बाद इस धरने ने बाड़मेर को विश्व पटल पर ला दिया है , धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह आगोर और विक्रम सिंह तारातरा ने बताया की "पीड़ित किसानों और लीगल मित्र का उक्त धरने की खबर सम्पूर्ण भारत के अलावा अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में प्रकाशित हुई है, दुःख इस बात का है इस बार किसानों के रोष के लिए बाड़मेर ख़बरों में है" हालांकि किसानो को इस बात का भी दुःख हैं की सरकार ने भी सिवाय आश्वासन के अलावा अभी तक कोई लिखित कार्यवाही नहीं की हैं जो किसानो को निश्चिंत कर सके
जागरण का हुआ आयोजन भजनों के जरिये सरकार को जगाने का प्रयास
पिछले काफी दिनों से कलेक्ट्रेट के सामने गर्मी और रात को हाड़ कंपाने वाली सर्दी में बैठे किसानो को अभी तक सरकार से सकारात्मक कार्यवाही की उम्मीद हैं जो कब पूरी होगी इसी का किसानो को इंतज़ार हैं। इसी क्रम में धरना स्थल पर रविवार शाम को गंगागिरी मठ के महंत खुशालगिरी एंड पार्टी के द्वारा भजन संध्या में भजनों की प्रस्तुतियां दी गई इस भजन संध्या के जरिये सरकार की सोई चेतना को जगाने के लिए प्रार्थना की गई और तमाम किसानो ने भगवान से प्रार्थना की कि सरकार जल्द सभी किसानो को भूमि अवाप्ति नहीं होने की खुशखबरी दे
स्थानीय विधायक मेवाराम जैन धरने ने छठे दिन बाड़मेर पहुंचते ही सीधे धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को "शिवकर लिग्नाइट परियोजना" के अवाप्ति के बारे में उनकी मुख्य मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा की मुख्यमंत्री जी ने भूमि अवाप्ति रुकवाने के लिए सकारात्मक कार्यवाही करने को कहा है उन्होंने किसानो को भरोसा दिलाया की उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नही होगा उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर गम्भीर हैं और उन्होंने किसानो की जमीन पर किसी प्रकार की अवैधानिक कार्यवाही नहीं किये जाने का भरोसा दिलाया हैं
बाड़मेर शिवकर लिग्नाइट परियोजना के विरोध में छह दिन से चल रहे धरने ने बाड़मेर को विश्व पटल पर ला दिया है, शहर से केवल आठ किलोमीटर की सीमा में बाड़मेर के सात गावों में उक्त परियोजना के लिए भूमि आवाप्ति के लिए कार्यवाही की जा रही है, जिसके विरोध में लीगल मित्र संस्था के बैनर तले पीड़ित किसान एक जुट हो कर पिछले छह दिन से कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे है, गौरतलब है की उक्त परियोजना से न केवल गोवों की तकरीबन पांच हजार लोग प्रभावित होंगे बल्कि शहर के इतने समीप होने वाले खनन से पुरे बाड़मेर शहर का वातावरण ख़राब हो जायेगा.
उक्त भूमि को आर एस एम् एम् एल कंपनी के लिए अवाप्त किया जाना प्रस्तावित है लेकिन सरकार ने अभी तक उक्त परियोजना के लिए पर्यावरण महकमे की मंजूरी नहीं ली है. लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने बताया की " बिना पर्यावरण विभाग की अनुमति लिए और बिना सामाजिक सर्वेक्षण करवाए इतने लोगों को बेदखल किये जाने की कार्यवाही मनमानी है, यदि भूमि अवाप्त होने के बाद उक्त परियोजना को पर्यावरण की अनुमति नहीं मिलती तो गरीब किसान बेवजह बेघर हो जायेंगे" यही कारण है की बाड़मेर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा , तेल की खोज और सैन्य अभ्यास सुदर्शन के बाद इस धरने ने बाड़मेर को विश्व पटल पर ला दिया है , धरने के मीडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह आगोर और विक्रम सिंह तारातरा ने बताया की "पीड़ित किसानों और लीगल मित्र का उक्त धरने की खबर सम्पूर्ण भारत के अलावा अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में प्रकाशित हुई है, दुःख इस बात का है इस बार किसानों के रोष के लिए बाड़मेर ख़बरों में है" हालांकि किसानो को इस बात का भी दुःख हैं की सरकार ने भी सिवाय आश्वासन के अलावा अभी तक कोई लिखित कार्यवाही नहीं की हैं जो किसानो को निश्चिंत कर सके
जागरण का हुआ आयोजन भजनों के जरिये सरकार को जगाने का प्रयास
पिछले काफी दिनों से कलेक्ट्रेट के सामने गर्मी और रात को हाड़ कंपाने वाली सर्दी में बैठे किसानो को अभी तक सरकार से सकारात्मक कार्यवाही की उम्मीद हैं जो कब पूरी होगी इसी का किसानो को इंतज़ार हैं। इसी क्रम में धरना स्थल पर रविवार शाम को गंगागिरी मठ के महंत खुशालगिरी एंड पार्टी के द्वारा भजन संध्या में भजनों की प्रस्तुतियां दी गई इस भजन संध्या के जरिये सरकार की सोई चेतना को जगाने के लिए प्रार्थना की गई और तमाम किसानो ने भगवान से प्रार्थना की कि सरकार जल्द सभी किसानो को भूमि अवाप्ति नहीं होने की खुशखबरी दे
स्थानीय विधायक मेवाराम जैन धरने ने छठे दिन बाड़मेर पहुंचते ही सीधे धरना स्थल पर पहुँच कर धरनार्थियों को "शिवकर लिग्नाइट परियोजना" के अवाप्ति के बारे में उनकी मुख्य मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा की मुख्यमंत्री जी ने भूमि अवाप्ति रुकवाने के लिए सकारात्मक कार्यवाही करने को कहा है उन्होंने किसानो को भरोसा दिलाया की उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नही होगा उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर गम्भीर हैं और उन्होंने किसानो की जमीन पर किसी प्रकार की अवैधानिक कार्यवाही नहीं किये जाने का भरोसा दिलाया हैं
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