एडिशनल कलक्टर ने लगाई फांसी
नारायणपुर/जगदलपुर। रमन राज में भ्रष्टाचार, पदस्थापना में भेदभाव और काम के अनावश्यक दबाव के चलते सरकारी कर्मचारियों की हताशा का एक और मामला सामने आया है। नारायणपुर जिले के एडिशनल कलक्टर हिजिरियस कुजूर (52) ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट से पता चला है कि उन्होंने काम के दबाव में आत्महत्या की।
इस जिले में तीन माह में प्रथम श्रेणी के दूसरे अफसर ने आत्महत्या की है। सूत्रों के मुताबिक अपर कलक्टर कुजूर आरईएस कॉलोनी में अकेले रहते थे। शुक्रवार की सुबह जब उनकी नौकरानी घर गई। तो अंदर से दरवाजा बंद था। खटखटाने पर भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। कुजूर शुक्रवार को कार्यालय नहीं गए थे। नौकरानी दोपहर को फिर उनके घर गई और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुलने पर उसने इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले एसडीएम के परिवार को दी। पीछे से झांकने पर कुजूर क्वार्टर में फांसी लगाए हुए हालत में देखे गए।
इसकी जानकारी आला अफसरों को दी गई। कलक्टर भुवनेश यादव व एसपी मयंक श्रीवास्तव तत्काल मौके पर पहंुचे। डॉक्टरों का अनुमान है कि एडिशनल कलक्टर ने शुक्रवार को सुबह या उसके बाद फांसी लगाई।
पत्नी नई दिल्ली में डॉक्टर : उनकी पत्नी नईदिल्ली में महानगरपालिका में डॉक्टर हैं। घटना की सूचना उन्हें दे दी गई है। कुजूर मूलत: जशपुर जिले के झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र लोदाम के पास ग्राम किरला बरटोली के रहने वाले हैं। 2010 से यहां पदस्थ थे। चर्चा है कि उन्हें हाल ही में आईएएस अवार्ड मिलने वाला था, लेकिन फिलहाल यह लंबित था।
नहीं मिल रहा इंसाफ : खु दकुशी के ज्यादातर प्रकरणों में मृतकों ने सुसाइड नोट छोड़े। ज्यादातर सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदार लोगों का जिक्र है। इसके बावजूद, अब तक किसी मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई। मरनेवालों को न्याय नहीं मिला। इससे भी निराशा बढ़ी है। वर्ष 2008 से लेकर 2011 तक कुल 187 सरकारी कर्मचारी मौत को गले लगा चुके हैं। इनके प्रकरण लंबित हैं।
जान देते अफसर : 22 जनवरी - छोटेडोंगर में पदस्थ एसडीओपी प्रखर शर्मा ने की खुदकुशी की 12 मार्च - बिलासपुर एसपी राहुल शर्मा ने गोली मारी 29 मई - मुंगेली के कोतवाली थाना प्रभारी जेपी माहिले ने आत्महत्या की 30 मई - रायपुर के खरोरा थाना में पदस्थ अफसर आरआर सिंह ने जान दी 29 जुलाई - जल संसाधन विभाग में इंजीनियर किशोर शर्मा ने खुदकुशी की 28 अगस्त - ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में इंजीनियर आरपी सोनी ने की आत्महत्या
अवकाश पर थे
कुजूर 23 अक्टूबर को परामर्शदात्री समिति की बैठक में शामिल हुए थे। 24 व 25 अक्टूबर को अवकाश पर थे और कहीं गए थे। वे कहां गए थे, इस बारे में कोई नहीं जानता। 25 अक्टूबर की शाम नारायणपुर पहंुचे। इसके बाद घर से नहीं निकले।
ये है सुसाइड नोट
एडिशनल कलक्टर का सुसाइड नोट उनकी जेब से बरामद हुआ। उन्होंने लिखा है कि वे शासकीय जानकारियों को देने और जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन से तनाव में थे। कुजूर के पास जनशिकायत निवारण विभाग था।
योग्यता की उपेक्षा ले रही है जान
वर्तमान और पूर्व नौकरशाहों के इशारे पर चल रहे रमनराज में सरकारी सेवकों में हताशा लगातार बढ़ रही है। योग्यता की उपेक्षा, पदस्थापना में भेदभाव और ईमानदारो की अनदेखी ने कर्मचारियों को इस तरह निराश किया है कि वे जान देने पर विवश होने लगे हैं। कुजूर तीन महीने के दौरान खुदकुशी करने वाले तीसरे गजेटेड अफसर हैं। उनसे पहले दो इंजीनियरों ने आत्महत्या कर ली थी। इस वर्ष मार्च में बिलासपुर के एक आईपीएस और जनवरी में जगदलपुर में एक डीएसपी खुदकुशी कर चुके हैं।
एक माह, चार मौतें
बिलासपुर- सीएमडी कॉलेज के प्रोफेसर प्रकाशचंद चतुर्वेदी
गरियाबंद - प्रधानपाठक शंकरलाल सेन, स्कूल में लगाई फांसी
मानपुर- ग्रामीण विस्तार अधिकारी मिलन हल्बा, पेड़ पर फांसी लगाई
रायपुर- पुलिस आरक्षक पुरऊराम यादव ने दी जान
नारायणपुर/जगदलपुर। रमन राज में भ्रष्टाचार, पदस्थापना में भेदभाव और काम के अनावश्यक दबाव के चलते सरकारी कर्मचारियों की हताशा का एक और मामला सामने आया है। नारायणपुर जिले के एडिशनल कलक्टर हिजिरियस कुजूर (52) ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट से पता चला है कि उन्होंने काम के दबाव में आत्महत्या की।
इस जिले में तीन माह में प्रथम श्रेणी के दूसरे अफसर ने आत्महत्या की है। सूत्रों के मुताबिक अपर कलक्टर कुजूर आरईएस कॉलोनी में अकेले रहते थे। शुक्रवार की सुबह जब उनकी नौकरानी घर गई। तो अंदर से दरवाजा बंद था। खटखटाने पर भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। कुजूर शुक्रवार को कार्यालय नहीं गए थे। नौकरानी दोपहर को फिर उनके घर गई और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुलने पर उसने इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले एसडीएम के परिवार को दी। पीछे से झांकने पर कुजूर क्वार्टर में फांसी लगाए हुए हालत में देखे गए।
इसकी जानकारी आला अफसरों को दी गई। कलक्टर भुवनेश यादव व एसपी मयंक श्रीवास्तव तत्काल मौके पर पहंुचे। डॉक्टरों का अनुमान है कि एडिशनल कलक्टर ने शुक्रवार को सुबह या उसके बाद फांसी लगाई।
पत्नी नई दिल्ली में डॉक्टर : उनकी पत्नी नईदिल्ली में महानगरपालिका में डॉक्टर हैं। घटना की सूचना उन्हें दे दी गई है। कुजूर मूलत: जशपुर जिले के झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र लोदाम के पास ग्राम किरला बरटोली के रहने वाले हैं। 2010 से यहां पदस्थ थे। चर्चा है कि उन्हें हाल ही में आईएएस अवार्ड मिलने वाला था, लेकिन फिलहाल यह लंबित था।
नहीं मिल रहा इंसाफ : खु दकुशी के ज्यादातर प्रकरणों में मृतकों ने सुसाइड नोट छोड़े। ज्यादातर सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदार लोगों का जिक्र है। इसके बावजूद, अब तक किसी मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई। मरनेवालों को न्याय नहीं मिला। इससे भी निराशा बढ़ी है। वर्ष 2008 से लेकर 2011 तक कुल 187 सरकारी कर्मचारी मौत को गले लगा चुके हैं। इनके प्रकरण लंबित हैं।
जान देते अफसर : 22 जनवरी - छोटेडोंगर में पदस्थ एसडीओपी प्रखर शर्मा ने की खुदकुशी की 12 मार्च - बिलासपुर एसपी राहुल शर्मा ने गोली मारी 29 मई - मुंगेली के कोतवाली थाना प्रभारी जेपी माहिले ने आत्महत्या की 30 मई - रायपुर के खरोरा थाना में पदस्थ अफसर आरआर सिंह ने जान दी 29 जुलाई - जल संसाधन विभाग में इंजीनियर किशोर शर्मा ने खुदकुशी की 28 अगस्त - ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में इंजीनियर आरपी सोनी ने की आत्महत्या
अवकाश पर थे
कुजूर 23 अक्टूबर को परामर्शदात्री समिति की बैठक में शामिल हुए थे। 24 व 25 अक्टूबर को अवकाश पर थे और कहीं गए थे। वे कहां गए थे, इस बारे में कोई नहीं जानता। 25 अक्टूबर की शाम नारायणपुर पहंुचे। इसके बाद घर से नहीं निकले।
ये है सुसाइड नोट
एडिशनल कलक्टर का सुसाइड नोट उनकी जेब से बरामद हुआ। उन्होंने लिखा है कि वे शासकीय जानकारियों को देने और जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन से तनाव में थे। कुजूर के पास जनशिकायत निवारण विभाग था।
योग्यता की उपेक्षा ले रही है जान
वर्तमान और पूर्व नौकरशाहों के इशारे पर चल रहे रमनराज में सरकारी सेवकों में हताशा लगातार बढ़ रही है। योग्यता की उपेक्षा, पदस्थापना में भेदभाव और ईमानदारो की अनदेखी ने कर्मचारियों को इस तरह निराश किया है कि वे जान देने पर विवश होने लगे हैं। कुजूर तीन महीने के दौरान खुदकुशी करने वाले तीसरे गजेटेड अफसर हैं। उनसे पहले दो इंजीनियरों ने आत्महत्या कर ली थी। इस वर्ष मार्च में बिलासपुर के एक आईपीएस और जनवरी में जगदलपुर में एक डीएसपी खुदकुशी कर चुके हैं।
एक माह, चार मौतें
बिलासपुर- सीएमडी कॉलेज के प्रोफेसर प्रकाशचंद चतुर्वेदी
गरियाबंद - प्रधानपाठक शंकरलाल सेन, स्कूल में लगाई फांसी
मानपुर- ग्रामीण विस्तार अधिकारी मिलन हल्बा, पेड़ पर फांसी लगाई
रायपुर- पुलिस आरक्षक पुरऊराम यादव ने दी जान
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