अस्पताल में मेहमान चिकित्सा मंत्री के पीए की नानी
जोधपुर। अस्पतालों में बीपीएल कार्ड से गरीब मरीजों को पूरी दवाइयां मिले या नहीं, रसूख से तो गैर बीपीएल को भी सभी दवाइयां हासिल हो जाती हैं। यदि कोई वीआईपी मरीज अस्पताल में भर्ती हो जाए, तो अस्पताल प्रबंधन उसे मेहमान मान सभी सेवाएं मुफ्त उपलब्घ करवाने के लिए एडी से चोटी तक का जोर लगा देता है। ताजा मामला, जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां के निजी सचिव (राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी) इकबाल की नानी से जुड़ा है।
अस्पताल प्रबंधन इन्हें अतिविशिष्ट बुजुर्ग मान सभी दवाइयां बीपीएल इंडेंट के जरिए मुफ्त उपलब्ध करवा रहा है। एमडीएम अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में पिछले करीब एक महीने से भर्ती जहांआरा (79) को अस्पताल प्रबंधन ने अतिविशिष्ट बुजुर्ग माना है। बीपीएल कार्ड नहीं होने के बावजूद चिकित्सक बाकायदा उनका इडेंट बनाकर सहकारी दवा काउंटर से मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं। इडेंट पर यूनिट प्रभारी डॉ. श्याम माथुर के हस्ताक्षर हैं।
नि:शुल्क दवा योजना का नहीं ले रहे लाभ
प्रदेश में नि:शुल्क दवा योजना के तहत सर्वाधिक उपयोग आने वाली अधिकांश दवाएं मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है। बावजूद इसके चिकित्सा मंत्री के निजी सचिव की नानी के लिए नि:शुल्क दवा केंद्र (डीडीसी) से दवाइयां नहीं मंगवाई जा रही। इनडोर पर्ची के स्थान पर बीपीएल इंडेंट से दवाइयां मंगवाई जा रही हैं।
बीपीएल नम्बर की जगह वरिष्ठ नागरिक
डॉक्टरों की कारस्तानी देखिए, इंडेंट पर बीपीएल कार्डधारक संख्या की जगह उन्होंने एससी (सीनियर सिटीजन) लिख दिया। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए किसी प्रकार के इंडेंट का प्रावधान नहीं है। सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए अस्पताल में जांच सुविधा नि:शुल्क है, लेकिन डीडीसी के अलावा अन्य दवाइयां नि:शुल्क देने का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है।
मनमर्जी के कायदे
अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र मेड़तिया के अनुसार, एमडीएम अस्पताल को राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्यक्रम के तहत कुछ बजट मिला है। इस बजट से कुछ बुजुर्गो के इलाज में आर्थिक मदद की जा सकती है। इसी मद से जहांआरा को बीपीएल इडेंट के जरिए सहकारी उपभोक्ता भण्डार से मुफ्त दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जिसका भुगतान अस्पताल प्रबंधन करेगा। किन बुजुर्गो को इस योजना का लाभ दिया जा सकता है, इस सवाल का अस्पताल प्रबंधन के पास भी कोई जवाब नहीं है। हां, वे यह जरूर मानते हैं कि सभी बुजुर्गो को इसका फायदा नहीं दिया जा सकता।
कुछ वरिष्ठ नागरिकों को दे सकते हैं लाभ
मरीज को राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्यक्रम के तहत बीपीएल इंडेंट बनाकर सहकारी उपभोक्ता भण्डार से मुफ्त दवाइयां मुहैया करवाई जा रही है। यह व्यवस्था हाल में शुरू हुई है। कुछ चुनिंदा बुजुर्ग मरीजों को ही इसका फायदा दिया जा सकता है। इसका भुगतान अस्पताल प्रबंधन करेगा।
डॉ. दिलीप कच्छवाहा अधीक्षक, एमडीएम अस्पताल
जोधपुर। अस्पतालों में बीपीएल कार्ड से गरीब मरीजों को पूरी दवाइयां मिले या नहीं, रसूख से तो गैर बीपीएल को भी सभी दवाइयां हासिल हो जाती हैं। यदि कोई वीआईपी मरीज अस्पताल में भर्ती हो जाए, तो अस्पताल प्रबंधन उसे मेहमान मान सभी सेवाएं मुफ्त उपलब्घ करवाने के लिए एडी से चोटी तक का जोर लगा देता है। ताजा मामला, जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां के निजी सचिव (राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी) इकबाल की नानी से जुड़ा है।
अस्पताल प्रबंधन इन्हें अतिविशिष्ट बुजुर्ग मान सभी दवाइयां बीपीएल इंडेंट के जरिए मुफ्त उपलब्ध करवा रहा है। एमडीएम अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में पिछले करीब एक महीने से भर्ती जहांआरा (79) को अस्पताल प्रबंधन ने अतिविशिष्ट बुजुर्ग माना है। बीपीएल कार्ड नहीं होने के बावजूद चिकित्सक बाकायदा उनका इडेंट बनाकर सहकारी दवा काउंटर से मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं। इडेंट पर यूनिट प्रभारी डॉ. श्याम माथुर के हस्ताक्षर हैं।
नि:शुल्क दवा योजना का नहीं ले रहे लाभ
प्रदेश में नि:शुल्क दवा योजना के तहत सर्वाधिक उपयोग आने वाली अधिकांश दवाएं मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है। बावजूद इसके चिकित्सा मंत्री के निजी सचिव की नानी के लिए नि:शुल्क दवा केंद्र (डीडीसी) से दवाइयां नहीं मंगवाई जा रही। इनडोर पर्ची के स्थान पर बीपीएल इंडेंट से दवाइयां मंगवाई जा रही हैं।
बीपीएल नम्बर की जगह वरिष्ठ नागरिक
डॉक्टरों की कारस्तानी देखिए, इंडेंट पर बीपीएल कार्डधारक संख्या की जगह उन्होंने एससी (सीनियर सिटीजन) लिख दिया। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए किसी प्रकार के इंडेंट का प्रावधान नहीं है। सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए अस्पताल में जांच सुविधा नि:शुल्क है, लेकिन डीडीसी के अलावा अन्य दवाइयां नि:शुल्क देने का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है।
मनमर्जी के कायदे
अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र मेड़तिया के अनुसार, एमडीएम अस्पताल को राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्यक्रम के तहत कुछ बजट मिला है। इस बजट से कुछ बुजुर्गो के इलाज में आर्थिक मदद की जा सकती है। इसी मद से जहांआरा को बीपीएल इडेंट के जरिए सहकारी उपभोक्ता भण्डार से मुफ्त दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जिसका भुगतान अस्पताल प्रबंधन करेगा। किन बुजुर्गो को इस योजना का लाभ दिया जा सकता है, इस सवाल का अस्पताल प्रबंधन के पास भी कोई जवाब नहीं है। हां, वे यह जरूर मानते हैं कि सभी बुजुर्गो को इसका फायदा नहीं दिया जा सकता।
कुछ वरिष्ठ नागरिकों को दे सकते हैं लाभ
मरीज को राष्ट्रीय वृद्धावस्था कार्यक्रम के तहत बीपीएल इंडेंट बनाकर सहकारी उपभोक्ता भण्डार से मुफ्त दवाइयां मुहैया करवाई जा रही है। यह व्यवस्था हाल में शुरू हुई है। कुछ चुनिंदा बुजुर्ग मरीजों को ही इसका फायदा दिया जा सकता है। इसका भुगतान अस्पताल प्रबंधन करेगा।
डॉ. दिलीप कच्छवाहा अधीक्षक, एमडीएम अस्पताल
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