वसुंधरा राजे को चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री घोषित करना गलत : भाटी
बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और कोलायत से विधायक देवी सिंह भाटी ने कहा की चुनाव से पूर्व वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के रूप में करना गलत हें वो हमारी नेता हें ,उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं मगर पार्टी की परम्परा के अनुसार मुख्यमंत्री का चुनाव जीते हुए विधायको को करना हें ,भाटी गुरूवार को बाड़मेर जैसलमेर की सरहद पर स्थित फलसुंड कसबे में रविवार को कस्बे में मालिक बनो प्रदेश यात्रा के प्रथम चरण के समापन पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे ,उन्होंने राजेन्द्र सिंह राठोड के उस वक्तव्य पर भी विरोध जिसमे कहा था की बी जे पी इज वसुंधरा एंड वसुंधरा इज बी जे पी ,इस पर उन्होंने कहा की यह बयां अतिश्योक्ति पूर्ण हें ,पार्टी से बड़ा कोई नहीं ,भाटी ने कहा की वो राजनीती में पीछे बेठ कर भाषण सुनने के लिए नहीं आये वो भी आगे बढ़ाना ,चाहते हें उन्होंने कहा की में अपने आपको मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं मानता मगर पार्टी ने कोई दायित्व दिया तो उसे जरुर निभाऊंगा ,उन्होंने कहा की उनकी यात्रा प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति से हुई हें ,मेरी यात्रा का कोई विरोध नहीं ,पार्टी मेरे साथ हें , उन्होंने बताया की यात्रा का उदेश्य उदेश्य आम जनता को उनके के प्रति करना हें , उन्होंने कहा की पीढिय़ों से खून पसीने की मेहनत कर जिस जमीन को रोक रखा है कि आने वाला समय हमारा होगा। मगर उस जमीन को आज सरकार बाहरी कंपनियों को बेच रही है। जो यहां की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। आज सरकार जो व्यवस्था की बात कर रही है। वो मात्र एक खेल खेला जा रहा है। मोहनगढ़ में गोचर, ओरण की भूमि नहीं है। और यहां की जमीन शहरी लोगों को आबंटित की जा रही है। उन्होंने बताया अगर आपका साथ मिले तो इस क्षेत्र की जमीन यहीं के लोगों को मिलेगी। आज भी देश में अंग्रेजों के बनाए नियम चल रहे है। मोहनगढ़ इतना बड़ा क्षेत्र नहीं है। यहां के पशुधन के लिए गोचर भूमि आरक्षित नहीं है। उन्होंने बताया की नहरी पानी की समस्या को पारम्परिक रूप से निजात दिलाने ,अपनी गोचर, ओरण तालब की जमीनों को बचाने व सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराना ,किसानो को पेंशन का लाभ दिलाना जैसे मुद्दों को ले कर आम जनता को चेतन करने आये हें होगा।
विधायक देवीसिंह भाटी ने बताया की कि सरकार यहां पर विदेशी दुकानें खोलने की अनुमति देकर एक बार पुन: देश की जनता को गुलाम बनाना चाहती है। जनता को जागरूक होकर सरकार की नीतियों का विरोध करके मालिक बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय किए गए वादे सत्ता में आने के बाद पूरे नहीं किए जाते हैं। गांव की जमीन गांव के भूमिहीन को दी जाए, गांव के मुरब्बे गांव के भूमिहीन किसानों को दिए जाए। स्थानीय बाशिंदों की भूमि को बाहरी कंपनियों को देकर लोगों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। अंत में उन्होंने आम जनता से जागरूक होने का आह्वान किया।
मा
मा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें