बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

मुख्यमंत्री से बाड़मेर बचाने की गुहार

मुख्यमंत्री से बाड़मेर बचाने की गुहार


शिवकर लिग्नाइट परियोजना मामला


बाड़मेर बाड़मेर के शहरी क्षेत्र में कोयला खनन से होने वाले प्रदूषण के बादल अब छटते नजर आने लगे है| सोमवार को हुई पशु रैली के बाद से ही प्रशासन हरकत में है और उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही धरनार्थियों की मांगे मानते हुए प्रशासन राज्य सरकार को शिवकर लिग्नाइट परियोजना से बाड़मेर शहर को होने वाले नुकसान के बारे में वस्तुजन्य रिपोर्ट बनाकर भेज देगा|
गौरतलब रहे कि शिवकर लिग्नाइट परियोजना से पीड़ित किसानों ने लीगल मित्र संस्था को उक्त परियोजना तथा बाड़मेर में अनियोजित भूमि अवाप्ति से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से अवगत कराया था| इसी क्रम में पीड़ित किसानों ने लीगल मित्र के साथ एक जुट होकर कलेक्ट्री के सामने पिछले ९ दिनों से धरना दे रखा है | धरने पर आज सुबह सभी धरनार्थियों ने देश की एक वरिष्ट नेता की 28 वी पुण्य तिथी के उपलक्ष्य में 2 मिनट का मौन रखा गया और उसके बाद धरनार्थियों ने प्रशासन को सदबुद्धि से काम लेकर शिवकर लिग्नाइट परियोजना के सम्बन्ध में निर्णय लेने की प्रार्थना की|
श्री विक्रम सिंह तारातरा ने बताया कि आगामी रणनीति के तहत माननीय मुख्यमंत्री महोदय को बाड़मेर बचाओ अभियान के तहत शिवकर लिग्नाइट परियोजना को रद्द किए जाने के लिए 21000 पोस्ट कार्ड लिखे जाने का लक्ष्य तय किया गया है |
धरने के मिडिया प्रवक्ता स्वरुप सिंह आगोर ने बताया कि पोस्ट कार्ड लिखे जाने की योजना के तहत धरना स्थल पर एवम बाड़मेर के कई प्रतिष्ठानों पर खाली पोस्ट कार्ड उपलब्ध कराये गए है तथा जनता को बाड़मेर शहर में कोयला खनन से होने वाले प्रदूषण से बचाने के लिए शिवकर लिग्नाइट परियोजना को शीघ्र निरस्त किए जाने कि प्रार्थना के साथ मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का आवाहन किया है|
छगन सिंह राठौर, रतन सिंह भाटी, हठे सिंह रामदेरिया, कैलाश कोटडिया, दुर्जन सिंह आगोर, सोहन सिंह शिवकर, प्रेम सिंह आगोर, जल्ला राम भील, थान सिंह शिवकर, रेवत सिंह आगोर, पृथ्वी सिंह एवम अन्य धरनार्थियों ने बाड़मेर की जनता से मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की अपील की है|

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