मिलकर मुकाबला करेंगे अमेरिका-पाक
वाशिंगटन। अमरीका और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। सूत्रों के अनुसार अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ अपनी मुलाकात से पहले मीडिया में कहा कि हम एक सामूहिक शत्रु से एक सामूहिक खतरे का सामना कर रहे हैं, और हमें आतंकवाद और चरमवाद का हरहाल में मिलकर मुकाबला करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस महीने के प्रारम्भ में मैंने हक्कानी नेटवर्क को एक विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया ताकि हम उसके घातक हमलों की समाप्ति के लिए उपलब्ध प्रत्येक कानूनी प्राधिकार का पूर्ण उपयोग कर सकें।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री खार ने कहा कि उनका देश और अमरीका, अफगानिस्तान में सामूहिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा आज शायद हमारे बीच हितों का सबसे जोरदार झुकाव किसी द्विपक्षीय रास्तों पर नहींं, बल्कि अफगानिस्तान में है, क्योंकि आज अफगानिस्तान दोनों देशों के समक्ष एक सामूहिक चुनौती पेश करता है।
ज्ञात हो कि अमरीका, पाकिस्तान से मदद को इच्छुक है, क्योंकि वह दशक पुराने अफगानिस्तान युद्ध का कोई समाधान निकालना चाह रहा है और वह पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बना रहा है कि तालिबान से सम्बद्ध आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठनों को अपनी धरती से बाहर खदेड़ दे।
वाशिंगटन। अमरीका और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। सूत्रों के अनुसार अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ अपनी मुलाकात से पहले मीडिया में कहा कि हम एक सामूहिक शत्रु से एक सामूहिक खतरे का सामना कर रहे हैं, और हमें आतंकवाद और चरमवाद का हरहाल में मिलकर मुकाबला करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस महीने के प्रारम्भ में मैंने हक्कानी नेटवर्क को एक विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया ताकि हम उसके घातक हमलों की समाप्ति के लिए उपलब्ध प्रत्येक कानूनी प्राधिकार का पूर्ण उपयोग कर सकें।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री खार ने कहा कि उनका देश और अमरीका, अफगानिस्तान में सामूहिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा आज शायद हमारे बीच हितों का सबसे जोरदार झुकाव किसी द्विपक्षीय रास्तों पर नहींं, बल्कि अफगानिस्तान में है, क्योंकि आज अफगानिस्तान दोनों देशों के समक्ष एक सामूहिक चुनौती पेश करता है।
ज्ञात हो कि अमरीका, पाकिस्तान से मदद को इच्छुक है, क्योंकि वह दशक पुराने अफगानिस्तान युद्ध का कोई समाधान निकालना चाह रहा है और वह पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बना रहा है कि तालिबान से सम्बद्ध आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादी संगठनों को अपनी धरती से बाहर खदेड़ दे।
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