यह है दुनिया की खास जन्मभूमि...
आज जानिए महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, ईसा मसीह, ह. मुहम्मद अलै. और गुरु नानक देवजी की जन्मभूमि की संक्षिप्त जानकारी।
महावीर की वैशाली :वर्धमान महावीर या महावीर, जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान ऋषभनाथ (आदिनाथ) की परम्परा में 24वें तीर्थंकर थे। महावीर का जीवन काल 599 ईसा पूर्व से 527 ईसा पूर्व तक माना जाता है। उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ एवं माता का नाम प्रियकारिणी (त्रिशला) था।
भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को प्राचीन भारत के वैशाली राज्य (जो अब बिहार प्रांत) के पास बसोकुंड में हुआ था। यह स्थान भी हिंदू और जैन दोनों की ही आस्था का केंद्र है।
2. बुद्ध की जन्मभूमि लुंबिनी : हिंदुओं के 9वें अवतार तथा बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी स्थान पर ईसा पूर्व 563 को हुआ। लुंबिनी महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली है।
FILEयह बिहार की उत्तरी सीमा के निकट वर्तमान नेपाल में स्थित है। उस काल में यह शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के पास था। यह स्थान सभी हिन्दू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।
यह संयोग ही है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने 'बोधगया' (भारत में) में एक वृक्ष के नीचे जाना कि सत्य क्या है और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में दुनिया को 'कुशीनगर' (भारत में) में अलविदा कह गए।
3. ईसा मसीह की जन्मभूमि बेथलहेम : 25 दिसंबर सन् 2 ईसा पूर्व को एक यहूदी बढ़ई की पत्नी मरियम (मेरी) के गर्भ से यीशु का जन्म बेथलहेम में हुआ। यह भूमि दुनिया भर के ईसाईयों की आस्था का केंद्र है। इसराइल में यह स्थल यरुशलम से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
बेथलम में स्थित चर्च ऑफ नेटिविटी को ईसा मसीह की जन्मस्थली माना जाता है। पानी के रिसाव के कारण वहां जाने वाला तीर्थमार्ग क्षतिग्रस्त है।
यहां पर सबसे पहले 339 ईस्वी में एक चर्च पूरा किया गया था और छठी शताब्दी में आग लगने के बाद जिस इमारत ने उसकी जगह ली है, उसमें मूल इमारत के फर्श पर विस्तृत पच्चीकारी को बरकरार रखा गया है। इसमें लातिन, ग्रीक आथरेडॉक्स, फ्रांसिस्कन और आर्मीनियन कॉन्वेंट और गिरजाघरों के साथ-साथ घंटाघर और बगीचे भी शामिल हैं।
FILE4. पैगंबर मुहम्मद अलै. की मक्का : कुछ विद्वानों के मुताबिक इस्लाम के संस्थापक पैगंबर हजरत मुहम्मद (मोहम्मद) साहब सल्ल. अलै. का जन्मदिन हिजरी रबीउल अव्वल महीने की 2 तारीख को मनाया जाता है। 571 ईसवीं को शहर मक्का में पैगंबर साहब हजरत मुहम्मद सल्ल. अलै. का जन्म हुआ था।
मक्का सऊदी अरब में स्थित है। मक्का में हजारों वर्ष पुराना एक पवित्र मस्जिद 'काबा' (किबला) है अर्थात् वह दिशा जिधर मुसलमान नमाज के समय अपने चेहरे का रुख करते हैं।
यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए पहला पवित्र स्थल है। दूसरा है मदीना।
3. गुरुनानक का ननकाना साहिब : गुरु नानक देव या नानक देव सिखों के प्रथम गुरु थे। आपसे ही सिक्ख धर्म की स्थापना होती है। गुरु नानक देवजी का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. (1526 विक्रमी संवत्) वैशाख सुदी 3, में तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ।
तलवंडी अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है, जो पाकिस्तान के लाहौर जिले से 30 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
यह भूमि दुनिया भर के हिन्दू और सिक्ख दोनों ही धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है।
आज जानिए महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, ईसा मसीह, ह. मुहम्मद अलै. और गुरु नानक देवजी की जन्मभूमि की संक्षिप्त जानकारी।
महावीर की वैशाली :वर्धमान महावीर या महावीर, जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान ऋषभनाथ (आदिनाथ) की परम्परा में 24वें तीर्थंकर थे। महावीर का जीवन काल 599 ईसा पूर्व से 527 ईसा पूर्व तक माना जाता है। उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ एवं माता का नाम प्रियकारिणी (त्रिशला) था।
भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को प्राचीन भारत के वैशाली राज्य (जो अब बिहार प्रांत) के पास बसोकुंड में हुआ था। यह स्थान भी हिंदू और जैन दोनों की ही आस्था का केंद्र है।
2. बुद्ध की जन्मभूमि लुंबिनी : हिंदुओं के 9वें अवतार तथा बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी स्थान पर ईसा पूर्व 563 को हुआ। लुंबिनी महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली है।
FILEयह बिहार की उत्तरी सीमा के निकट वर्तमान नेपाल में स्थित है। उस काल में यह शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के पास था। यह स्थान सभी हिन्दू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।
यह संयोग ही है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने 'बोधगया' (भारत में) में एक वृक्ष के नीचे जाना कि सत्य क्या है और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में दुनिया को 'कुशीनगर' (भारत में) में अलविदा कह गए।
3. ईसा मसीह की जन्मभूमि बेथलहेम : 25 दिसंबर सन् 2 ईसा पूर्व को एक यहूदी बढ़ई की पत्नी मरियम (मेरी) के गर्भ से यीशु का जन्म बेथलहेम में हुआ। यह भूमि दुनिया भर के ईसाईयों की आस्था का केंद्र है। इसराइल में यह स्थल यरुशलम से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
बेथलम में स्थित चर्च ऑफ नेटिविटी को ईसा मसीह की जन्मस्थली माना जाता है। पानी के रिसाव के कारण वहां जाने वाला तीर्थमार्ग क्षतिग्रस्त है।
यहां पर सबसे पहले 339 ईस्वी में एक चर्च पूरा किया गया था और छठी शताब्दी में आग लगने के बाद जिस इमारत ने उसकी जगह ली है, उसमें मूल इमारत के फर्श पर विस्तृत पच्चीकारी को बरकरार रखा गया है। इसमें लातिन, ग्रीक आथरेडॉक्स, फ्रांसिस्कन और आर्मीनियन कॉन्वेंट और गिरजाघरों के साथ-साथ घंटाघर और बगीचे भी शामिल हैं।
FILE4. पैगंबर मुहम्मद अलै. की मक्का : कुछ विद्वानों के मुताबिक इस्लाम के संस्थापक पैगंबर हजरत मुहम्मद (मोहम्मद) साहब सल्ल. अलै. का जन्मदिन हिजरी रबीउल अव्वल महीने की 2 तारीख को मनाया जाता है। 571 ईसवीं को शहर मक्का में पैगंबर साहब हजरत मुहम्मद सल्ल. अलै. का जन्म हुआ था।
मक्का सऊदी अरब में स्थित है। मक्का में हजारों वर्ष पुराना एक पवित्र मस्जिद 'काबा' (किबला) है अर्थात् वह दिशा जिधर मुसलमान नमाज के समय अपने चेहरे का रुख करते हैं।
यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए पहला पवित्र स्थल है। दूसरा है मदीना।
3. गुरुनानक का ननकाना साहिब : गुरु नानक देव या नानक देव सिखों के प्रथम गुरु थे। आपसे ही सिक्ख धर्म की स्थापना होती है। गुरु नानक देवजी का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. (1526 विक्रमी संवत्) वैशाख सुदी 3, में तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ।
तलवंडी अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है, जो पाकिस्तान के लाहौर जिले से 30 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
यह भूमि दुनिया भर के हिन्दू और सिक्ख दोनों ही धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है।
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