गुरुवार, 13 सितंबर 2012

जब घर के हर कोने से निकली नोटों की गड्डियां तो अफसर भी रह गए हैरान!

जोधपुर.रिश्वत लेते पकड़े गए एसबीबीजे शेरगढ़ के पचास वर्षीय मैनेजर कुंवारे है, लेकिन उन्होंने करीब 35 लाख रुपए के जेवरात खरीद रखे थे। एसीबी को घर की तलाशी में हर कोने में जेवरात और नोटों की गड्डियां मिलीं तो अफसर भी हैरान रह गए। जेवरात में महिलाओं के सभी प्रकार के आइटम थे। इसके अलावा उन्होंने एक करोड़ से ज्यादा रुपए का निवेश विभिन्न स्कीम व आवासीय योजनाओं में भी कर रखा था। एसीबी उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी मुकदमा दर्ज करने पर विचार कर रही है।
 
एसीबी के डीएसपी नरपतसिंह ने बताया कि मैनेजर राजेश पंवार 1983 में क्लर्क के पद पर नियुक्त हुआ था। तीस साल की नौकरी में वह मैनेजर के पद पर पहुंचा और करोड़ों रुपए की संपत्ति भी बनाई। पांच भाई- बहनों में वह सबसे बड़ा है। एक भाई डॉक्टर व दूसरा डबल एओ है। बहनोई भी प्रोफेसर जैसे पद पर हैं। परिवार खुशहाल और खुद कुंवारा होने के बावजूद वह किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण देने में 3.5 प्रतिशत कमिशन लेकर लाखों रुपए बटोरता था।

तलाशी के दौरान घर के हर कोने में नोटों की गड्डियां और जेवरात मिले हैं। करीब 35 लाख के जेवर, 8.25 लाख नकद, 10 लाख पीपीएफ खाते में, लगभग 25 लाख शेयर, एफडीआर और बैंक खातों में जमा थे। जोधपुर में हाउसिंग बोर्ड के तीन मकान है, जिनकी कीमत भी लगभग 50 लाख रुपए है। प्रोपर्टी अपने पिता, मां और भाइयों के नाम से भी ले रखी थी, मगर उनके भी खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवा रखे थे। ब्यूरो संपत्ति की पूरी छानबीन कर उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी मुकदमा दर्ज कर सकती है।

जमानत खारिज दुबारा जेल में

एसीबी ने सोमवार को उसे 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे-हाथ गिरफ्तार किया था। वह परिवादियों से 80 हजार रुपए पहले ले चुका था। ब्यूरो ने उसे जेल भेज दिया तो उसने कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी। सोमवार को बहस के बाद कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी तो ब्यूरो ने उसे दुबारा जेल भिजवा दिया। अब जमानत के लिए उसे हाईकोर्ट में अर्जी लगानी पड़ेगी।

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