गुरुवार, 20 सितंबर 2012

आमजन महसूस करने लगा अपनी सरकार लोक विश्वास की कसौटी पर खरा उतर रहा है




आमजन महसूस करने लगा अपनी सरकार

लोक विश्वास की कसौटी पर खरा उतर रहा है

समस्या समाधान का सफर

- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,

बाड़मेर

आमजन की शिकायतों व क्षेत्रीय तथा परिवेशीय समस्याओं का समय पर निस्तारण कर प्रभावितों को न्याय व राहत देने की दिशा में राज्य सरकार कई माध्यमों से सार्थक प्रयासों में जुटी हुई है।

इसी के अनुरूप बाड़मेर जिले में पूरी संवेदनशीलता व जवाबदेही के साथ पारदर्शी सुशासन की मंशा साकार हो रही है। यही वजह है कि आमजन की सरकार के रूप में विशिष्ट पहचान उभरी है।

राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की पहल व ठोस प्रयासों का ही नतीजा है कि लोक समस्या समाधान की डगर पर बाड़मेर जिला जन विश्वास की तमाम कसौटियों पर खरा उतरता हुआ विकास की रफ्तार को बरकरार रखे हुए है।

प्रशासनिक संवेदनशीलता, ई-गवर्नेन्स, सुगम प्रणाली, जन सुनवाई, रात्रि चौपाल, रोजाना समस्या निस्तारण सुनवाई, सतर्कता समितियों, जन अभाव-अभियोग निराकरण समिति आदि कई माध्यमों से सुशासन की बुनियाद मजबूती पा रही हैं।

इसका श्रेय जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान को जाता है जिन्होंने आम जनता के करीब पहुंच कर उनकी समस्याओं को जाना तथा टीम बाड़मेर के साथ समाधान की रोशनी का अहसास कराया।

लोक समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से

प्रदेश सरकार अपनी पारदर्शिता व संवेदनशीलता के रूप में आम जन में अपनी साख स्थापित किये हुए है। इसलिये वर्तमान राज्य सरकार आम आदमी की सरकार के रूप में पहचानी जा रही है। राज्य सरकार की संवेदनशील साख कोई एक दिन या एक वर्ष की बात न होकर निरन्तर किये जा रहे प्रयासोें का ही सफल परिणाम है। बाड़मेर जिले में लोक समस्याओें के समाधान के सभी माध्यमों का बेहतर ढंग से आशातीत सफलता के साथ प्रयोग किया जा रहा है।

सुगम प्रणाली

सुगम प्रणाली के जरिये आमजन के परिवादों व प्रकरणों का पारदर्शी ढंग से समयबद्ध निस्तारण किया जाता है। यह प्रणाली ई-गर्वनेंस का अनोखा उदाहरण है। इसमें राज्य, जिला, उपखण्ड व तहसील स्तर पर आम लोगों से प्राप्त अभ्यावेदनों, परिवादों व शिकायतों को तत्काल स्केन कर कम्प्यूटर में दर्ज किया जा कर सम्बन्धित विभाग को अगले दिवस में निष्पादन के निर्देश दिये जाते हैं।

सम्बन्धित विभाग जांच आदि सम्पन्न कर निर्धारित समयावधि में परिवादों का निस्तारण प्रत्युतर प्रेषित करता है व उक्तानुसार परिवादों को अवगत करवाया जाता है। यह समस्त कार्य पेपरलेस है व ऑन लॉईन प्रणाली से सम्भव हुआ है। इस प्रकार किस स्तर पर कितने परिवाद कितने समय से लम्बित है इनका तत्काल स्वंय परिवादी सहित सभी सम्बन्धित नियंत्रण अधिकारी पता कर सकते हैं।

सुगम प्रणाली लागु होने के पश्चात् बाड़मेर जिले मेंं कुल 6 हजार 478 परिवाद प्राप्त हुए, जिनमें से 4 हजार 471 परिवादों का निस्तारण गत माह तक हो चुका है।

जन सुनवाई

पारदर्शी शासन के लक्ष्यों को साकार किए जाने की दिशा में ही बाड़मेर जिले में आमजन की नियमित सुनवाई का प्रावधान है। जिला कलक्ट्री मेंं हर कार्य दिवस को दोपहर बाद ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक की अवधि में स्वयं जिला कलक्टर द्वारा जनसुनवाई की जाती है और समस्याओं के निस्तारण की समयबद्ध कार्यवाही की जाती रही है।

इसी प्रकार समय-समय पर जिले में पंचायत समिति स्तर पर वृहत् शिविरों का आयोजन किया जाकर जनसुनवाई किए जाने की परंपरा बाड़मेर जिले में बनी हुई है। जन सुनवाई के दौरान प्राप्त परिवादों को स्केन कर सुगम प्रणाली पर लोड़ किया जाता है और इनका समय पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाता है।

रात्रि चौपाल ने दिया उजाला

बाड़मेर जिले की 85 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है । ग्रामीण जन दिन के समय खेत-खलिहानों में कृषि कार्य, पशुपालन आदि में व्यस्त रहते हैं। इन ग्रामीणों को तहसील व जिला स्तर पर किसी कार्यवश आना नहीं पड़े, इस उद्देश्य से इनकी सुविधा के लिये जिले का सम्पूर्ण प्रशासन द्वारा जिला कलेक्टर के नेतृत्व में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर शाम को 7 बजे से रात्रि 10-11 बजे तक आम जन की सुनवाई की जाती है।

उत्साहपूर्ण जन भागीदारी

रात्रि चौपाल में सुनवाई के दौरान प्राप्त परिवादों का यथासंभव तत्काल समाधान निकाला जाकर पीड़ित को राहत पहुंचाई जाती है। जिन समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं हो पाता है उनको पंजीबद्ध करते हुए समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार निस्तारण कर सम्बन्धित परिवादियों को सूचित किया जाता है ।

रात्रि चौपालों में आम जन बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं व अपने परिवादों का अपने ही गांव में हल प्राप्त करते हैं। इस प्रकार रात्रि चौपालें पारदर्शी व संवेदनशील प्रशासन के रूप में मील का एक पत्थर सिद्ध हो रही है।

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