साध्वी की बैकुंठी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जसोल(बालोतरा)
आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी वैराग्य श्रीजी(79) का गुरुवार को संलेखना विधि के साथ देवलोकगमन हुआ। शुक्रवार सवेरे आचार्य महाश्रमण साध्वियों के ठिकाने पहुंचे। साध्वी के पार्थिव शरीर को उनके परिवार वालों ने बैकुंठी में बिठाया। साध्वी के अंतिम दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। साध्वी के पार्थिव शरीर को बैकुंठी में बिठा जसोल गांव की मुख्य गलियों से शोभायात्रा निकाली गई। साध्वी की अंतिम यात्रा दुख:ख-शोक से दूर एक महोत्सव की रैली जैसी प्रतीत हो रही थी। क्योंकि मृत्यु का इन्होंने स्वयं वरण किया था। ये मृत्यु के सामने एक वीरांगना की तरह डटे थे। साध्वी की अंतिम यात्रा में हजारों की तादाद में लोग उमड़े। अंतिम यात्रा कस्बे के विभिन्न स्थानों से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची। वहां साध्वी के पार्थिव देह को हजारों नारियल, कई किलों चंदन की लकड़ी, कई किलों घी, अगरबत्तियों से पंचतत्व में विलीन किया गया। साध्वी के पारिवारिक सदस्यों ने उनको मुखाग्नि दी।
आकाश से बरसी बंूदों ने दी श्रद्धांजलि: साध्वी वैराग्य श्री की अंतिम यात्रा जब साध्वी प्रमुखा श्री के आवास के पास से गुजरी तो कुछ सैकंड के लिए हल्की-सी बूंदाबांदी हुई। जो थोड़ी देर बाद वापस रुक गई।
साध्वी की बैकुंठी जब मुक्तिधाम पहुंची, उससे पहले बूंदाबांदी तेज हो गई, परंतु ठीक ऐन वक्त पर बारिश थम गई। इस अंतिम यात्रा में नगरपालिका की पूर्व चेयरमैन प्रभा सिंघवी प्रवास व्यवस्था समिति के पदाधिकारी, तेयुप सभा, महिला मंडल के पदाधिकारी, किशोर मंडल व कन्या मंडल के सभी सदस्यों के साथ आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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