गुरुवार, 13 सितंबर 2012

ज्योति मिर्धा और मनीष तिवारी बनेंगे मंत्री!

ज्योति मिर्धा और मनीष तिवारी बनेंगे मंत्री!

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में जल्द फेरबदल हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सितंबर के अंत तक कैबिनेट में फेरबदल होगा। मंत्रिमण्डल में कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है। इनमें ज्योति मिर्धा,मनीष तिवारी,चिरंजीवी, मीनाक्षी नटराजन और मनीका टैगोर शामिल है। इन सभी को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है जबकि कांग्रेस प्रवक्ता जर्नादन दि्वेदी को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा ऑस्कर फर्नाडिज और के रहमान खान को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

सिब्बल से छिनेग मानव संसाधन

सूत्रों के मुताबिक सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल के पास एक-एक मंत्रालय ही रहेगा। खुर्शीद सिर्फ कानून मंत्री रहेंगे। वह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नहीं रहेंगे। फिलहाल खुर्शीद के पास दोनों मंत्रालय हैं। वहीं कपिल सिब्बल से मानव संसाधान विकास मंत्रालय छिन जाएगा। सिब्बल के पास केवल दूरसंचार मंत्रालय ही रहेगा। फिलहाल केन्द्र में ऎसे आठ मंत्री हैं जिनके पास एक से ज्यादा मंत्रालय हैं। इनके पास पार्टी के पद भी हैं। ये मंत्री हैं वीरप्पा मोइली,व्यालार रवि,आनंद शर्मा,पवन कुमार बंसल,कुमारी शैलजा शामिल हैं।


थरूर फिर मंत्री बनने की कोशिश में

शशि थरूर फिर मंत्री बनने की कोशिश में हैं। आईपीएल में अनियमितता के मामले को लेकर उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। वह विदेश राज्य मंत्री थे।

बंगाल से नहीं है फिलहाल कांग्रेसी मंत्री

प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पश्चिम बंगाल से कांग्रेस का कोई मंत्री नहीं है। दीपादास मुंशी या अधीर राय चौधरी को मंत्री बनाया जा सकता है। विलासराव देशमुख के निधन के कारण महाराष्ट्र से एक नेता को मंत्री बनाया जा सकता है। फिलहाल विलास मुत्तेमवार का नाम सबसे आगे चल रहा है।

1 टिप्पणी:

  1. ज्योति मिर्धा मंत्री क्यों नहीं बन पाई, यह अभी तक चर्चा का विषय बना हुआ है। - नागौर कि जनता का विश्वास वह खो चुकी है। राज्य नेतृत्व चाहे श्री अशोक गहलोत हो या राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष श्री चंग्रभन या कैबिनेट मंत्री श्री जोशी, सभी गुटों ने उन्हें समर्थन करने से मना कर दिया। उनकी जाति, उनके ज्येष्ठ और उसके परिवार के सदस्य उनका विरोध कर रहे हैं। नागौर जिले के सब महत्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं
    से वह नाता तोड़ चुकी है। दैनिक ट्रिब्यून के अनुसार उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने के पीछे इंडिया बुल्स कंपनी का राबर्ट वाड्रा के साथ विवादों में घिर जाना बताया जाता है। इंडिया बुल्स मिर्धा के ससुराल पक्ष की कंपनी है। आज के दैनिक भास्कर के अनुसार वह भारत के कॉर्पोरेट गलियारों में बिल्कुल नापसंद है।

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