बाड़़मेर जिले में सुनहरा परिदृश्य दिखा रही हैं फ्लेगशिप योजनाएँ
आमजन में जगा विश्वास, जरूरतमंद हुए निहाल
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
बाड़मेर
भारतवर्ष की पश्चिमी सीमा पर विषम भौगोलिक संरचनाओं और कठिन हालातों के साथ ही रेगिस्तानी भूभाग की वजह से मशहूर रहा राजस्थान प्रदेश का बाड़मेर जिला तीव्र विकास की बदौलत अब पिछड़ेपन से मुक्ति पाने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
हाल के वर्षो में सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं व सामुदायिक उत्थान कार्यक्रमों के व्यापक सूत्रपात ने जिले का परंपरागत दृश्य बदल दिया है। अनथक प्रयासों व दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ बहुआयामी विकास में सशक्त भागीदारी अब नवनिर्माण का संगीत सुनाने लगी है।
इसी के साथ ही आम जन की सरकार ने पूरे जिले में फ्लेगशिप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने हुए लोकोत्थान की धाराओं को तीव्रतर किया है जिससे जन कल्याण की कई भगीरथियाँ बहने लगी हैं और इन योजनाओं का लाभ पाकर जरूरतमंद लोग निहाल होने लगे हैं। बाड़मेर जिला प्रशासन द्वारा फ्लेगशिप में शामिल तमाम योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है।
हर जरूरतमन्द के लिए खाद्यान्न का प्रबन्ध
बाड़मेर जिले में मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना में 2 रुपये प्रति किलो की दर से विभिन्न श्रेणियों के परिवारों को खाद्यान्न से लाभान्वित किया जा रहा है।
इनमें प्रतिमाह 1 लाख 13 हजार 819 बीपीएल परिवारों तथा 30 हजार 198 स्टेट बीपीएल परिवारों को प्रतिमाह 25 किलो खाद्यान्न से लाभान्वित किया जा रहा है। इसी प्रकार अन्त्योदय अन्न योजना में 30 हजार 500 परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न का लाभ मिल रहा है।
सेहत सँवारने निःशुल्क मिल रही दवाइयां
इस योजना में सरकारी अस्पताल आने वाले सभी श्रेणियों के मरीजों को निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध हो रही हैं। बाड़मेर जिले में इस योजना से रोजाना औसतन 33 हजार मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। जिले के सभी 97 दवा वितरण केन्द्रों पर अब तक 10.53 लाख से अधिक मरीजों को मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना से लाभान्वित किया गया है। इस योजना की शुरूआत के बाद से सरकारी अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या में औसतन 15 फीसदी बढ़ोतरी आंकी गई है।
माँ एवं शिशु सुरक्षा में अव्वल
बाड़मेर जिले ‘माँ’ राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना में अब तक 26 हजार 195प्रसूताओं और 978 नवजात शिशुओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
राज ने दी सुकून की छत
बाड़मेर जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गई है। जिले में वर्ष 2011-12 में आवास निर्माण के 18033 के लक्ष्यों के अनुरूप सभी की स्वीकृतियां जारी की जाकर अब तक 16 हजार 315 बीपीएल आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
लोकसेवाओं ने पाया पारदर्शी स्वरूप
राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत ऑन लाईन सिस्टम के जरिये कुल प्राप्त 80 हजार 765 में से 80 हजार 206 आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाकर99.31 प्रतिशत उपलब्धि पायी गई।
साकार होगा अपने घर का सपना
बाड़मेर जिले में इस योजना के अन्तर्गत नगर परिषद् से खसरा नम्बर 1431 की 50 बीघा भूमि आवंटित की गई है जिसमें अनुमानित 750 आवास बनेंगे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल परिवारों के निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए बाड़मेर जिले में आवासहीन शहरी बीपीएल परिवारों की सर्वे के मुताबिक पात्र परिवारों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है।
लोक राहत के भरपूर प्रयास
आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण की दिशा में सुनवाई के अधिकार अधिनियम में सभी सम्बधितों का आमुखीकरण हो चुका है।
किसानों को मिला संबल
इसी प्रकार काश्तकारों द्वारा लिये गए ऋण का समय पर चुकारा कर दिए जाने पर कोई ब्याज नहीं लिए जाने की योजना के तहत बड़ी संख्या में किसानों ने इस सुविधा का लाभ पाया है। खरीफ सीजन में बाड़मेर जिले के डेढ़ लाख किसानों को 436 करोड रुपए का ऋण वितरण हो चुका है जो राज्यभर में सर्वाधिक है।
बाड़मेर जिले में बीपीएल जीवनरक्षा कोष में बीपील परिवारों के अब तक 103 लाख की धनराशि व्यय कर लाभान्वित किया जा चुका है। इसी प्रकार पशुधन निःशुल्क योजना में 20 हजार से अधिक पशुओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
समन्वित भागीदारी का परिणाम
बाड़मेर जिला कलक्टर डा. वीणा प्रधान का मानना है कि सरकारी मशीनरी की समर्पित कर्मशीलता, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों की आत्मीय भागीदारी तथा जन-जन में सरकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार का ही परिणाम है कि फ्लेगशिप योजनाएं हो या अन्य योजनाएँ व कार्यक्रम, इन सबमें बाड़मेर अपनी अग्रणी पहचान बनाए रखे हुए है।
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