गुना। शहर के जैन मंदिरों में युवतियां अब जींस, टॉप और आधुनिक वस्त्र पहनकर नहीं जा सकेंगी। महिलाओं के भी लिपस्टिक लगाकर और सजधज कर मंदिर आने पर पाबंदी रहेगी। यह फैसला जैन समाज ने शुक्रवार को आर्यिका गुरुमति माता के निर्देश पर लिया है।
विद्यासागर नगर स्थित श्री दिगंबर जैन वासुपूज्य जिनालय में हुई धर्मसभा में आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम शिष्या आर्यिका गुरुमति ने प्रवचन में कहा कि मंदिरों में शालीनता के साथ सादा वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करना चाहिए। भड़काऊ वस्त्रों से स्वयं के भाव तो खराब होते ही हैं, देखने वाले के मन पर भी विपरीत असर आता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपना श्रंगार घर में रहकर ही करें। श्रंगार स्वयं के लिए होता है, दूसरों को दिखाने के लिए नहीं। इसलिए मंदिर में लिपस्टिक आदि से श्रंगार करके न आएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि समाज को इस पर कठोर प्रतिबंध लगाना होगा।
पदाधिकारियों ने दी सहमति
दिगंबर जैन प्रबंध कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष अनिल जैन ने सहमति जताई और मंदिरों में भड़काऊ वस्त्र पहनकर आने वालों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। समिति के मंत्री अनिल जैन ने भी माताजी की बात पर सहमति जताई।
विद्यासागर नगर स्थित श्री दिगंबर जैन वासुपूज्य जिनालय में हुई धर्मसभा में आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम शिष्या आर्यिका गुरुमति ने प्रवचन में कहा कि मंदिरों में शालीनता के साथ सादा वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करना चाहिए। भड़काऊ वस्त्रों से स्वयं के भाव तो खराब होते ही हैं, देखने वाले के मन पर भी विपरीत असर आता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपना श्रंगार घर में रहकर ही करें। श्रंगार स्वयं के लिए होता है, दूसरों को दिखाने के लिए नहीं। इसलिए मंदिर में लिपस्टिक आदि से श्रंगार करके न आएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि समाज को इस पर कठोर प्रतिबंध लगाना होगा।
पदाधिकारियों ने दी सहमति
दिगंबर जैन प्रबंध कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष अनिल जैन ने सहमति जताई और मंदिरों में भड़काऊ वस्त्र पहनकर आने वालों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। समिति के मंत्री अनिल जैन ने भी माताजी की बात पर सहमति जताई।
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