शनिवार, 29 सितंबर 2012

रोलिंग के उपन्यास में सिखों पर भद्दी टिप्पणी

रोलिंग के उपन्यास में सिखों पर भद्दी टिप्पणी
लंदन। हैरी पोटर की तिलस्मी दुनिया से तहलका मचाने वाली इंग्लिश राइटर जेके रोलिंग के पहला एडल्ट उपन्यास "दी कैज्युअल वेकेंसी` विवादों में घिरता नजर आ रहा है। सिख धर्म और सिख महिलाओं को लेकर नोवल में टिप्पणी पर अप्रवासी भारतीय के विरोध की आग भारत भी पहुंच गई है। सिखों के सबसे बड़े संगठन अकाल तख्त(शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक समिति की रिप्रजेंटेटिव बॉडी) की ओर से जेके रोलिंग से माफी मांगने और नोवल से आपत्तिजनक लाइनें हटाने की मांग की है।

सिख महिला को बताया मूंछों और बड़े स्तन वाली

हैरी पोटर इंग्लिश राइटर जेके रोलिंग के इस पहले एडल्ट उपन्यास में सिख लड़की पर आपत्तिजन टिप्पणी की गई है। दक्षिण पश्चिमी इंग्लैंड के काल्पनिक गांव पैगफोर्ड में रहने वाले एक सिख परिवार पर आधारित इस नोवल में सिख लड़की के चेहरे मर्दो जैसे बाल,मूंछों का वर्णन करते हुए भद्दे शब्दों का प्रयोग किया गया है। नोवल के पेज नम्बर 120 पर सिख करेक्टर सुखविंदर को "मुछोंवाली,बड़े स्तन वाली" लिखा है। इसी लाइन में यह भी लिखा है कि "उसके बालों से आदमी और औरत के बीच के भेद से आज भी वैज्ञानिक चकित हैं"।

रोलिंग कहा,गहन शोध के बाद लिखा

प्रख्यात लेखिका जेके रोलिंग का कहना है कि उन्होंने अपने नए उपन्यास `दी कैज्युअल वेकेंसी` के लिए सिखवाद पर गहन शोध किया। नोवल की लॉन्चिंग के मौके पर 47 वर्षीय रोलिंग ने लंदन में बीती रात कहा कि जब वह करीब 20 साल की थीं,तो उनकी परिचित एक सिख महिला ने सिखवाद के प्रति रूझान पैदा किया।

नोवल के केन्द्र में है सिख फैमिली

रोलिंग ने कहा है कि सिख धर्म के प्रति उनकी यह पहचान पूरी जिंदगी उनके साथ रही और किताब में जिस अश्वेत परिवार का जिक्र किया गया है,वह सिख है। रोलिंग ने कहा कि मैं पैगफोर्ड के केंद्र में एक सिख परिवार को रखना चाहती थी। मैं चाहती थी कि यह परिवार दूसरी पीढ़ी का ब्रिटिश परिवार हो,ताकि वे बाहरी भी हों और स्थानीय भी। किताब में यह सिखवाद है,जो धार्मिक मूल्य मुहैया कराता है,न कि चर्च ऑफ इंग्लैंड।

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