शनिवार, 22 सितंबर 2012

पापकार्न से मिला 72 लाख डालर हर्जाना

पापकार्न से मिला 72 लाख डालर हर्जाना

लंदन। पापकार्न का रोजाना सेवन करने और उसमें पाए जाने वाले कृत्रिम मक्खन की वजह से फेंफड़ों के गंभीर विकार का सामना करने वाले एक व्यक्ति वेन वाटसन ने अदालती लड़ाई में क्षतिपूर्ति के रूप में 72 लाख डालर हासिल किए हैं।

अमेरिका के कोलोरेडो में वाटसन के मुकदमे की सुनवाई करने वाली ज्यूरी ने कहा कि पापकार्न को बनाने वाली कंपनी को इसके पैकेटों पर चेतावनी लगानी चाहिए थी कि पापकार्न में पाए जाने वाले कृत्रिम मक्खन की सुगंध फैंफड़ों के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो सकती है। वाटसन को वर्ष 2007 में फेंफड़ों का विकार हो गया था जिसे पापकार्न लंग कहते हैं। इस बीमारी में फेफड़े का अंदरूनी हिस्सा खुरच जाता है और फेंफड़ों को सांस बाहर फेंकने में दिक्कत होती है।

इस समस्या ने हाल के वर्षो में जोर पकड़ा है और पापकार्न कारखाने में काम करने वाले कर्मी अकसर इससे पीडित पाए जाते हैं। पापकार्न में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल होने वाले डायासेटिल को इस विकार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अदालत ने इस मामले में पापकार्न लेबलों का निर्माण करने वाली कंपनी गिल्स्टर मैरी ली कार्पोरेशन को 80 फीसदी नुकसान जबकि सुपरमार्केट कंपनी क्रोगर को 20 फीसदी नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया। वाटसन इससे पहले फ्लेवरिंग कंपनी फोन इंटरनेशनल के खिलाफ भी मुकदमा जीत चुके हैं।

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