शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

सूखा प्रभावित इलाकों में नरेगा से मिलेगा 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार



सूखा प्रभावित इलाकों में नरेगा से मिलेगा 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के महात्मा गांधी नरेगा योजना के प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को जारी किए निर्देश।

बाड़मेर। अधिसूचित किए गए सूखा प्रभावित जिलों में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रत्येक परिवार को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार मिल सकेगा। मौजूदा समय में प्रत्येक परिवार को सालाना 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसको लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डी.के.जैन ने सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को निर्देशित किया है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सूखे की स्थिति की वजह से सार्वजनिक कार्यों के लिए रोजगार की मांग की संभावित बोतरी को देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा की धारा 3(4) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 201213 में अधिसूचित सूखा प्रभावित तालुको/ब्लाकों में 50 दिनों तक का अतिरिक्त रोजगार देने का निर्णय दिया गया है। मौजूदा समय में केन्द्र सरकार राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों तक के रोजगार की लागत को पूरा करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना की धारा 22 के अन्तर्गत निधियां उपलब्ध करा रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डी.के.जैन के मुताबिक राज्य इस बदलाव के अनुसार किए गए प्रावधानों को दशार्ने के लिए महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम की धारा 4(1) के तहत इनके द्वारा बनाई गई योजना में किए गए सांोधनों की अधिसूचना जारी करेंगे। निर्दों के मुताबिक मौजूदा एवं सांोधित योजना से संबंधित प्रति ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजनी होगी।

क्या होगी अतिरिक्त रोजगार की भार्ते: केन्द्र एवं राज्य के बीच इस अतिरिक्त लागत का वहन अधिनियम की धारा 22 में दी गई वित पोषक पद्वति के अनुसार किया जाएगा। योजना में किए गए सांोधन की प्रति प्रस्तुत करते समय राज्य लिखित में इस बात जानकारी देंगे कि वे महात्मा गांधी अधिनियम की धारा 22 में किए गए प्रावधानों के अनुसार रोजगार में बोतरी (100 से 150 दिनों तक)की वजह से ब़ी हुई लागत का वहन करने के इच्छुक है। इसके अलावा बेरोजगारी भत्ते के भुगतान के संबंध में अधिनियम की धारा 7 के उपबंध तथा प्रासनिक खर्चों के संबंध में अधिनियम की आधार 22 (1)(ग) तथा इस संबंध में अन्य सभी दिनिर्दों के प्रावधान इस अतिरिक्त रोजगार के लिए स्वतः लागू हो जाएंगे। किसी कारणवा यदि कोई राज्य अधिनियम की धारा 22 के तहत उल्लिखित वित पोषण पद्वति के अनुसार लागत का वहन करने को इच्छुक नहीं है तो इस परिपत्र में दी गई छूट उन पर लागू नहीं होगी।

चालू वित वर्ष के कार्य होंगे भामिलः श्रम बजट में परियोजनाओं की अनुमोदित सूची भामिल है। इसी अनुमोदित सूची से कार्य लिए जाएंगे। प्रारंभ में राज्य को मंजूर किए गए श्रम बजट के अनुसार निधियां उपलब्ध कराई जाएगी। इन निधियों से वे 100 दिनों तक का रोजगार उपलब्ध कराने और अधिसूचित क्षेत्रों में बे हुए दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने पर हुए खर्च को पूरा करते रहेंगे।

अलगअलग रहेगा हिसाबकिताबः मौजूदा एमआईएस पफीडिंग में 100 दिन के रोजगार की फीडिंग का प्रावधान है। ऐसे में अतिरिक्त रोजगार के लिए रोजगार की लागत पर व्यय का ब्यौरा अलगअलग रखा जाएगा।

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