अपनी कुर्सी छिनने के डर से डरते हें अधिकारी जन काम से कोई सरोकार नहीं इन्हें
यह सब पहले भी कर सकता था प्रशासन
बाड़मेर अपनी कुर्सी छिनने का डर हर वर्ग के अधिकारी कर्मचारी को सताता हें ,जिला प्रशासन की आम बेथाको में कर्मचारियों और संसाधनों का रोना रोने वाले अधिकारी मुख्यमंत्री और सोनिया गाँधी की प्रस्तावित यात्रा देखते हुए ऐसे चौकने और कर्तव्यनिष्ठ हुए की लगता हें की इन अधिकारियो जैसा कामदार और कोई नहीं ,अक्सर अधिकारी राजकाज करने से बचते हें खासकर जनहित के काम ,अधिकारियो के पास काम नहीं करने के एक से बढ़कर एक बहाने हें ,बाड़मेर की जनता रोटी चिलाती रहती हें सड़क ठीक करो ,पानी नहीं आ रहा ,कचरा हटाओ ,मगर कोई नहीं सुनता ,शनिवार को मुख्यमंत्री की यात्रा का कार्यक्रम आते ही सब अधिकारी ऐसे अलर्ट हो गए मानो बरसो से बेचारे काम में तल्लें हें ,भ्रष्ट नौकरशाह अक्सर गोंग्रेस राज में अपना सर ऊँचा करते हें ,भाई भतीजावाद ,नाते रिश्तेदारी ,अपने आदमी क्षेत्र में लगाने की बिमारी नेताओ में केंसर की तरह फेल्ली हें ,इस अपनों के मोह के कारण किसी अधिकारी को कम के लिए नहीं दांत सकते ,,वैसे अधिकारियो को जनता और उसके कामो से कोई सरोकार नहीं हें,जिला कलेक्टर बेथाको में लाख जाता के कामो को प्राथमिकता से निपटने की नसीहत अधिकारियो को दे मगर कोई प्रतिक्रिया अधिकारियो की और से नहीं आती ,अलबता अशोक गहलोत और सोनिया गाँधी के दौरे के करम जो काम चार सालो से जनता के नहीं हो रहे थे वो तो हो जायेंगे शकुन की बात ,,आमतौर पर एसी रूम में बैठकर आदेश जारी करने वाले अफसर सड़कों पर दौड़ रहे हैं, कर्मचारी ऑफिसों का कामकाज छोड़कर तैयारियों में जुटे हैं। शहर की सड़कों पर दिनभर अफसरों की गाडिय़ां दौड़ती नजर आई। मामला चाहे आदर्श स्टेडियम का हो या फिर नए बस स्टैंड का। सीएम के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियां को लेकर प्रशासनिक तंत्र सक्रिय हो गया। शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत की बाड़मेर यात्रा के मद्देनजर आनन फानन में अव्यवस्थाएं बहाल करने में अफसरों ने पूरी ताकत झोंक दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को बाड़मेर आएंगे। वे बाइपास सड़क मार्ग व नए रोडवेज बस स्टैंड की आधारशिला रखेंगे। वहीं आदर्श स्टेडियम में नवनिर्मित खेल एवं मनोरंजन संकुल का लोकार्पण करेंगे। अचानक यह कार्यक्रम तय होने से अफसरों के हाथ पांव फूल गए। एनवक्त पर पूरी तैयारियां जुटाने की चुनौती खड़ी हुई तो अफसर एसी रूम से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए दौड़ भाग सुबह से शुरू हो गई। पूरे दिन अफसर, कर्मचारी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रहे। देर रात तक तैयारियां पूरी नहीं हो पाई थी।
Sukr h kuch to inki jado mai chetna jagi nahi to ye 3-4 sal se avchetan apno mai magn pade the jnta ki kisko padi, neta ya afsar kissi ko bhi nahi..
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