घरों, गलियों में भरा पानी, रास्ते जाम
दो सौ से अधिक परिवार प्रभावित, गाजीखाड़ा के 58 परिवारों ने ली दरगाह में शरण।
नागौर जिले में 24 घंटे से जारी बारिश के दौर ने आमजन की हालत खराब करके रख दी है। बुधवार रात से शुरू हुआ बारिश का दौर गुरुवार दिनभर व देर रात तक जारी रहा। मूसलाधार बारिश से कई गांवों और कस्बों में मकान धराशायी हो गए। जिला मुख्यालय पर एक दर्जन निचले इलाकों में पानी भरने से 200 से अधिक परिवारों को परेशानी हुई। लोहारपुरा व लोढ़ा का चौक इलाके में तो दो जर्जर मकान भी ढह गए। बस्तियां व मुख्य मार्ग एकबारगी तो नदी की तरह दिखने लगे। प्रशासन के अधिकारियों व नेताओं ने दौरे तो किए पर पीडि़त परिवारों के लिए विशेष राहत कार्य शुरू नहीं किए गए। अधिकारियों ने कुछ स्थानों पर मौका देख कर इतिश्री कर ली।
गत 24 घंटों से जारी बारिश की वजह से जिला मुख्यालय के हालात बेहद खराब नजर आ रहे हैं। यहां एक दर्जन इलाकों में पानी भर गया है। इससे करीब 200 परिवारों को परेशानी हुई है।
गाजीखाड़ा, लोहार पुरा, ऊपरला चौक, शिवबाड़ी, हाउसिंग बोर्ड, वॉटर वक्र्स चौराहा, कुम्हारी दरवाजा, नकास गेट, माही दरवाजा, घोसीवाड़ा, खाई की गली में रास्तों, मकानों व सड़कों पर पानी भर गया। गाजीखाड़ा में 13 साल से चल रही सीवरेज जाम की समस्या ने एक बार फिर प्रशासन नेताओं व परिषद प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोली। यहां अभी भी 58 परिवारों ने दरगाह डोडी शरीफ में शरण ले रखी है। जिला प्रशासन की तरफ से इन परिवारों को कोई राहत भी नहीं पहुंचाई गई है। अधिकारी यहां आए और निरीक्षण कर चले गए। दिनभर से लोगों ने खाना भी नहीं खाया और दरगाह के सज्जादा नशीन की ओर से ही व्यवस्थाएं की गई। गंदे पानी के भराव वाले शहर के गाजीखाड़ा इलाके में 13 साल से जाम पड़ी सीवरेज की समस्या ने बारिश के बाद विकराल रूप ले लिया। यहां शहर के कई इलाकों से बहकर आया पानी भर गया। इस वजह से बिसायतियों का मोहल्ला, गाजीखाड़ा, कसाइयों के मोहल्ले, बी रोड आदि इलाकों में पानी घरों में घुस गया। गुरुवार देर रात तक हालात यह थे कि घरों में तीन से चार फीट तक पानी भरा था। इस पानी को निकालने के भी विशेष इंतेजाम नहीं थे। जिला प्रशासन की ओर से यहां कोई व्यवस्थाएं नहीं की गई थी। पानी भरने से गाजीखाड़ा इलाके के लोगों को दरगाह डोडी शरीफ में शरण लेनी पड़ी। अस्थाई तौर पर बेघर हुए पीडि़त लोगों के लिए दरगाह डोडी पीर के सज्जादा नशीन पीर गुलाम हुसैन की तरफ से रहने की व्यवस्थाएं की गई। नायब सज्जादा नशीन गुलाब शब्बर ने बताया कि बारिश की वजह से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। दिनभर लोगों के खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी। जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने यहां पानी से भरा गाजीखाड़ा तो जरूर देखा पर इन लोगों के खाने पीने व राहत की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गरीब परिवारों के इन लोगों ने शाम को स्वयं ही चंदा करके खाना बनाया। खाई की गली में पानी तहखानों में घुस गया। इससे कई इमारतों में दरारें आई। जमील रंगरेज व यहां रहने वाले अन्य लोगों ने बताया कि पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने व नालों की सफाई नहीं होने की वजह से लोगों को खूब परेशानी हो रही है। बारिश की वजह से लोहारपुरा इलाके में भी पानी भरा। यहां एक मकान बारिश की वजह से ढह गया तो दूसरा मकान गिरने के कगार पर है। इसी प्रकार सिंघवियों की पोल के पास लोढ़ों के चौक में बारिश से जर्जर हुए एक मकान की छत गिर गई।
किले की ढाल जलमग्न हुई शहर की लाइफ लाइन : नागौर शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला यह मार्ग किले की ढाल शिवबाड़ी का इलाका है। यह मुख्य मार्ग है नागौर शहर का। शहर के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने के लिए लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। आपदा के कुप्रबंधन के चलते यह मार्ग भी जलमग्न हो गया और शहर का यातायात दूसरी जगह डाइवर्ट हो गया। राजमार्ग राजमार्ग बना नदी : भारी बारिश से शहर के मानासर से मूंडवा चौराहा होकर गुजरने वाले राजमार्ग पर भी पानी भर गया। छोटे वाहनों के रास्ते बदलने पड़े तो बड़े वाहन धीरे धीरे गुजरे। लोहारपुरा दरिया या बस्ती : नागौर शहर के लोहारपुरा इलाके से ऊपर चौक जाने वाले रास्ते पर भरा पानी। यहां भी लोगों को दुकानें और मकान से सामान खाली कर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी। |
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