शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

पाक के हिंदुओं को भारत आने की अनुमति मिली

Pak Hindus allowed to cross Wagah border 

लाहौर। पाकिस्तान में आव्रजन अधिकारियों ने शुक्रवार को 250 हिंदुओं को वाघा बार्डर पर कई घंटे तक हिरासत में रखने के बाद आखिरकार भारत जाने की अनुमति दे दी। बुधवार को आई खबरों में कहा गया था कि जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण व अन्य आपराधिक घटनाओं के कारण कई हिंदू परिवार भारत में बसने की योजना बना रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आव्रजन अधिकारियों को गृह मंत्रालय से निर्देश मिले थे कि किसी भी हिंदू को भारत न जाने दिया जाए भले ही वह तीर्थ यात्रा पर जा रहा हो। शुक्रवार को 250 हिंदू सुबह आठ बजे वाघा बार्डर पहुंच गए थे, लेकिन दोपहर तक उन्हें सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी गई। कराची के सिर्फ दो परिवारों जिनके पास अनापत्ति प्रमाणपत्र था, उन्हें ही भारत आने की इजाजत दी गई। करीब सात घंटे तक हिरासत में रहने के बाद हिंदुओं ने वाघा पर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें सीमा पार करने की इजाजत दी।

लाहौर में संघीय जांच एजेंसी [एफआइए] के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद हिंदुओं को भारत जाने की इजाजत दे दी गई। उन्हें विभिन्न शहरों में जाने के लिए 33 दिन का वीजा मिला है। मीडिया रिपोर्टो में यहां पर कुछ समस्याओं के चलते उनके वापस न लौटने की बात कही गई थी जिसके कारण उन्हें अस्थायी रूप से रोका गया था। एफआइए ने वाघा पर हिंदुओं से बातचीत के लिए एक विशेष दल को भेजा था।

अधिकारी ने बताया कि हिंदुओं ने वापस न लौटने की मीडिया रिपोर्टो को खारिज कर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भारत में पाकिस्तान के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। सिंध प्रांत के जैकोबाबाद से गत सात अगस्त को 14 साल की मनीषा कुमारी का अपहरण हो जाने के बाद से हिंदू समुदाय में डर व्याप्त है। इस घटना के बाद करीब 250 हिंदुओं के क्षेत्र से पलायन की खबर है। टीवी चैनलों ने दावा किया था कि सिंध और बलूचिस्तान से कई हिंदू परिवार एक महीने का वीजा पाकर भारत जा रहे हैं। ये लोग हरिद्वार और वैष्णोदेवी जाएंगे, लेकिन इनके वतन लौटने की संभावना कम है।

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