जोधपुर। जीवन रक्षक एंटिबायोटिक इंजेक्शन मेरोपीनाम के नकली उत्पादों की आपूर्ति करने के सरगना राजेश पुरोहित उर्फ भोçलया को पुलिस ने बुधवार को बाड़मेर जिले के सिवाणा से गिरफ्तार कर लिया। वह करीब सवा दो माह से फरार चल रहा था।
अब उसके पकड़ में आने के बाद पुलिस और औष्ाधि नियंत्रण को उम्मीद है कि नकली दवा आपूर्ति के इस रैकेट का खुलासा हो सकेगा। कुछ दिनों पूर्व इंजेक्शन की लैब रिपोर्ट में इसके नकली होने की भी पुष्टि हो गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार इंजेक्शन में मेरोपीनाम ही नहीं था। अब इसके निर्माता तक भी पहुंचा जा सकेगा।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) राहुल प्रकाश के अनुसार गत 26 मई को जीवन रक्षक एंटिबायोटिक इंजेक्शन मेरोपीनाम के नकली उत्पादों की आपूर्ति करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने दवा दुकानों पर छापे मारकर करीब एक हजार नकली इंजेक्शन बरामद किए थे। यह नकली उत्पाद मुख्य आरोपी गंगलाव की पोल वीर मोहल्ला निवासी राजेश पुरोहित व गूंदी का मोहल्ला दो मुखी पोल निवासी मनोज जोशी जालोरी गेट के भीतर स्थित दवा दुकान पर सप्लाई करते थे। मनोज को तो पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि मामला उजागर होने के बाद राजेश पुरोहित उर्फ भोçलया फरार हो गया।
आश्रम से धर दबोचा
सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) मनोज चौधरी के अनुसार आरोपी भोçलया के सिवाणा स्थित अभयराम महाराज के आश्रम में छुपे होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस दल ने सुबह वहां दबिश देकर भोçलया को पकड़ लिया। शाम को उसे यहां लाकर प्रकरण में गिरफ्तार किया गया।
अब जुड़ेगी कड़ी से कड़ी
राजेश व मनोज जोशी जालोरी गेट के भीतर नाकोड़ा मेडिकोज पर नकली उत्पाद आपूर्ति करते थे। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने 26 मई को तनसुख वडेरा उर्फ बंटी व मनोज जोशी उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया था। जबकि कुछ दिन बाद सुमेरसिंह परिहार, कपिल कक्कड़ और मनीष मेहता को गिरफ्तार किया गया था। राजेश के फरार होने से नकली उत्पाद के निर्माण होने से लेकर बेचने वाले नेटवर्क का खुलासा नहीं हो पा रहा था। अब उसके पकड़ में आने पर यह पता चल जाएगा कि नकली उत्पाद कहां बनते थे और वह लाता कहां से था। साथ ही वह किन-किन दुकानदारों को कितनी मात्रा में आपूर्ति कर चुका है।
अब उसके पकड़ में आने के बाद पुलिस और औष्ाधि नियंत्रण को उम्मीद है कि नकली दवा आपूर्ति के इस रैकेट का खुलासा हो सकेगा। कुछ दिनों पूर्व इंजेक्शन की लैब रिपोर्ट में इसके नकली होने की भी पुष्टि हो गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार इंजेक्शन में मेरोपीनाम ही नहीं था। अब इसके निर्माता तक भी पहुंचा जा सकेगा।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) राहुल प्रकाश के अनुसार गत 26 मई को जीवन रक्षक एंटिबायोटिक इंजेक्शन मेरोपीनाम के नकली उत्पादों की आपूर्ति करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने दवा दुकानों पर छापे मारकर करीब एक हजार नकली इंजेक्शन बरामद किए थे। यह नकली उत्पाद मुख्य आरोपी गंगलाव की पोल वीर मोहल्ला निवासी राजेश पुरोहित व गूंदी का मोहल्ला दो मुखी पोल निवासी मनोज जोशी जालोरी गेट के भीतर स्थित दवा दुकान पर सप्लाई करते थे। मनोज को तो पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि मामला उजागर होने के बाद राजेश पुरोहित उर्फ भोçलया फरार हो गया।
आश्रम से धर दबोचा
सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) मनोज चौधरी के अनुसार आरोपी भोçलया के सिवाणा स्थित अभयराम महाराज के आश्रम में छुपे होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस दल ने सुबह वहां दबिश देकर भोçलया को पकड़ लिया। शाम को उसे यहां लाकर प्रकरण में गिरफ्तार किया गया।
अब जुड़ेगी कड़ी से कड़ी
राजेश व मनोज जोशी जालोरी गेट के भीतर नाकोड़ा मेडिकोज पर नकली उत्पाद आपूर्ति करते थे। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने 26 मई को तनसुख वडेरा उर्फ बंटी व मनोज जोशी उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया था। जबकि कुछ दिन बाद सुमेरसिंह परिहार, कपिल कक्कड़ और मनीष मेहता को गिरफ्तार किया गया था। राजेश के फरार होने से नकली उत्पाद के निर्माण होने से लेकर बेचने वाले नेटवर्क का खुलासा नहीं हो पा रहा था। अब उसके पकड़ में आने पर यह पता चल जाएगा कि नकली उत्पाद कहां बनते थे और वह लाता कहां से था। साथ ही वह किन-किन दुकानदारों को कितनी मात्रा में आपूर्ति कर चुका है।
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