शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

काव्य गोष्ठी में 'कागद' का अभिनंदन


काव्य गोष्ठी में 'कागद' का अभिनंदन



बाड़मेर युवा साहित्य संस्थान एवं चौपाल साहित्य संस्थान के सहयोग से राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी की ओर से प्रकाशित जागती जोत पत्रिका के पूर्व संपादक एवं वरिष्ठ राजस्थानी कवि ओम पुरोहित 'कागद' का अभिनंदन समारोह पेंशनर समाज भवन में बुधवार को आयोजित हुआ। समारोह में शहर के युवा व वरिष्ठ कवियों ने पुरोहित का अभिनंदन किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ कवि कन्हैयालाल 'वक्र' की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। काव्य गोष्ठी में पुरोहित ने खेजड़ी, गोगा मेडी सहित कालीबंगा का वास्तविक चित्रण करती लगभग 20 रचनाएं सुनाईं जिसे श्रोताओं ने दिल से सराहा।

वहीं वरिष्ठ कवि कन्हैयालाल 'वक्र' की रचना 'म्हारे गांव में मिले आज भी मिनखपणो ढाणी ढाणी' सुनाकर श्रोताओं को हंसने के लिए विवश कर दिया।

युवा कवि कमल शर्मा 'राही' की हास्य राजस्थानी रचना 'मिनख जियारे मानखा तू तोल मोल' ने शृंगार व हास्य रस की छटा बिखेर दी। इसी तरह कवि उमर फारुख गौरी 'निज रे खातिर जीणो घोर अपराध' तथा प्रताप 'पागल' रचना ये तेरा शहर नालों में अटक जाए सहित एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की गईं। काव्य गोष्ठी का संचालन कवि कमल शर्मा ने किया।

चौपाल संस्था के अध्यक्ष प्रताप 'पागल' ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा की गई।

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