मुंबई. शनिवार को दिल्ली और मुंबई में जनता सड़कों पर उतर आई। दिल्ली में जहां रामदेव के नेतृत्व में रामलीला मैदान में लोग शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, वहीं मुंबई में सरकार विरोधी भीड़ हिंसक हो गई।
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में करीब 25000 लोग जुटे थे। वे असम और म्यांमार में हुई हिंसा का विरोध कर रहे थे। लेकिन उनमें से कुछ लोग अचानक हिंसक हो गए। उन्होंने मीडिया और पुलिस की गाडि़यों में आग लगा दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर एक घंटे के भीतर ही हिंसा को काबू में कर लिया।
भीड़ ने मैदान से बाहर निकलकर पहले रास्ता रोकने की कोशिश की और उसके बाद कई गाड़ियों को आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। मुंबई पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों के जवानों को भी बुलाया गया। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए फायरिंग भी की। पुलिस फॉयरिंग में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। फिलहाल स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में कर लिया गया है।
मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक ने कहा, 'मामला बहुत संगीन था, बाल-बाल बचे हैं। अगर पुलिस ज्यादा फोर्स इस्तेमाल करती तो मामला और ज्यादा भड़क सकता था। मैं लोगों से अपील करता हूं किसी भी तरह की अफवाहों पर न जाए।'
अरुप पटनायक ने कहा, तीन बजे तक हालात बिलकुल सामान्य थे। सवा तीन बजे के आसपास कुछ हुड़दंगियों ने हिंसा की जिसके बाद हालात बिगड़ गए। हालांकि शाम साढ़े पांच बजे के करीब प्रदर्शकारियों के लौटते वक्त फिर से कुछ हुड़दंग हुआ जिसमें हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक जवान की हालत गंभीर है। फिलहाल स्थिति को देखते हुए मुंबई में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।'
भीड़ ने चार न्यूज चैनलों के ओवी वैन जला दिए। दो फोटोग्राफर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कुछ रिपोर्टर भी घायल हैं।
मुंबई पुलिस के मुताबिक घटना के बाद कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटना की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम को दे दी गई है।
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