] जूना अखाड़े ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि राधे मां इस पद के योग्य हैं या नहीं। अखाड़े ने आज राधे मां को महामंडलेश्वर पद से निलंबित कर दिया।जांच पूरी होने तक वह पद से निलंबित रहेंगी। गौरतलब है कि मंगलवार रात को राधे मां को गुपचुप तरीके से जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर बना दिया गया था। उनके अचानक महामंडलेश्वर बनने से कई सवाल उठ खड़े हुए थे। आरोप यहां तक लगे कि जूना अखाड़ा ने मोटी रकम लेकर राधे मां का ये पद दिया है।
बताया जा रहा है राधे मां मंगलवार की रात बेहद गुपचुप तरीके से हरिद्वार आई थीं। जूना अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर और संत अवधेशानंद गिरि की उपस्थिति में उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया था। राधे मां की नियुक्ति के कार्यक्रम को भी जूना अखाड़े ने गुप्त रखा था। ये भी माना जा रहा था कि राधे मां प्रयाग महाकुंभ में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में भाग भी ले सकती हैं।
राधे मां को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद जूना अखाड़ा सवालों के घेरे में आ गया था। मीडिया से बातचीत में अखाड़े के राष्ट्रीय मंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा था कि राधे मां को अखाड़ों की परंपरा के अनुसार महामंडलेश्वर बनाया गया है।
रात में नियुक्ति की बाबत उन्होंने कहा था कि अखाड़े पहले भी रात में महामंडलेश्वर बनाते रहे हैं। इसके लिए केवल शुभ मुहूर्त देखा जाता है। केवल कुंभ में ही महामंडलेश्वर बनाने की परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया था कि किसी भी संत को महामंडलेश्वर की उपाधि देने से पहले उससे हलफनामा लिया जाता है, जिसमें वह अपने जीवन की सभी बातें बताता है। राधे मां के मामले की जांच के लिए अखाड़े ने 11 संतों की जांच कमेटी बनाई है।
बताया जा रहा है राधे मां मंगलवार की रात बेहद गुपचुप तरीके से हरिद्वार आई थीं। जूना अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर और संत अवधेशानंद गिरि की उपस्थिति में उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया था। राधे मां की नियुक्ति के कार्यक्रम को भी जूना अखाड़े ने गुप्त रखा था। ये भी माना जा रहा था कि राधे मां प्रयाग महाकुंभ में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में भाग भी ले सकती हैं।
राधे मां को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद जूना अखाड़ा सवालों के घेरे में आ गया था। मीडिया से बातचीत में अखाड़े के राष्ट्रीय मंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा था कि राधे मां को अखाड़ों की परंपरा के अनुसार महामंडलेश्वर बनाया गया है।
रात में नियुक्ति की बाबत उन्होंने कहा था कि अखाड़े पहले भी रात में महामंडलेश्वर बनाते रहे हैं। इसके लिए केवल शुभ मुहूर्त देखा जाता है। केवल कुंभ में ही महामंडलेश्वर बनाने की परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया था कि किसी भी संत को महामंडलेश्वर की उपाधि देने से पहले उससे हलफनामा लिया जाता है, जिसमें वह अपने जीवन की सभी बातें बताता है। राधे मां के मामले की जांच के लिए अखाड़े ने 11 संतों की जांच कमेटी बनाई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें