अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण
बालेश्वर। भारत ने गुरूवार को मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता सम्पन्न अग्नि-2 मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर आईलैंड से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर)से गुरूवार सुबह आठ बजकर 48 मिनट पर सचल प्रक्षेपक से किया गया। प्रक्षेपण को पूरी तरह सफल बताते हुए आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा कि स्वदेश निर्मित मिसाइल के परीक्षण के दौरान सभी मिशन मानकों को पूरा किया गया।
इंटरमीडिएट रेंज बैलीस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम)अग्नि-2 को सेवा में पहले ही शामिल कर लिया गया है। गुरूवार का परीक्षण सेना की रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) ने किया जबकि इसके लिए साजो-सामान डीआरडीओ ने मुहैया कराया। डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि 2000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल को सैन्य बल प्रशिक्षण अभ्यास के तौर पर पहले ही शामिल कर चुके हैं।
दो चरणों वाली मिसाइल उन्नत उच्च नौवहन प्रणाली से सुसज्जित है,जो भू-कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली से निर्देशित होगा। परीक्षण के पूरे पथ पर अत्याधुनिक राडारों,टेलीमेट्री निरीक्षक स्टेशन,इलेक्ट्रो ऑप्टिक उपकरणों और प्रभाव स्थल के नजदीक लगे नौसेना के जहाजों ने निगाह रखी। 20 मीटर लंबी अग्नि-2 दो चरणों वाला ठोस प्रणोदक बैलीस्टिक मिसाइल है। इसका भार 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 1000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम होगा।
सूत्रों ने कहा कि अग्नि-2 का विकास उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर किया था। भारत डाइनामिक्स लिमिटेड हैदराबाद ने इसमें सहयोग किया। अग्नि-2 अग्नि सीरीज की मिसाइलों का हिस्सा है। जिसमें 700 किलोमीटर मारक क्षमता वाली अग्नि-1,3000 किलोमीटर वाली अग्नि-3,अग्नि-4 और अग्नि-5 शामिल हैं।
अग्नि-2 मिसाइल का पहला प्रारूप 11 अप्रैल 1999 को तैयार हुआ था। व्हीलर आईलैंड से 19 मई 2009 को हुए पहले परीक्षण और 23 नवंबर 2009 को हुए रात्रि परीक्षण में यह सभी मानकों पर खरा नहीं उतरी थी। इसके बाद 30 सितम्बर2011 सहित इसी जगह से हुए अन्य सभी परीक्षण सफल रहे थे।
बालेश्वर। भारत ने गुरूवार को मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता सम्पन्न अग्नि-2 मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर आईलैंड से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर)से गुरूवार सुबह आठ बजकर 48 मिनट पर सचल प्रक्षेपक से किया गया। प्रक्षेपण को पूरी तरह सफल बताते हुए आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा कि स्वदेश निर्मित मिसाइल के परीक्षण के दौरान सभी मिशन मानकों को पूरा किया गया।
इंटरमीडिएट रेंज बैलीस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम)अग्नि-2 को सेवा में पहले ही शामिल कर लिया गया है। गुरूवार का परीक्षण सेना की रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) ने किया जबकि इसके लिए साजो-सामान डीआरडीओ ने मुहैया कराया। डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि 2000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल को सैन्य बल प्रशिक्षण अभ्यास के तौर पर पहले ही शामिल कर चुके हैं।
दो चरणों वाली मिसाइल उन्नत उच्च नौवहन प्रणाली से सुसज्जित है,जो भू-कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली से निर्देशित होगा। परीक्षण के पूरे पथ पर अत्याधुनिक राडारों,टेलीमेट्री निरीक्षक स्टेशन,इलेक्ट्रो ऑप्टिक उपकरणों और प्रभाव स्थल के नजदीक लगे नौसेना के जहाजों ने निगाह रखी। 20 मीटर लंबी अग्नि-2 दो चरणों वाला ठोस प्रणोदक बैलीस्टिक मिसाइल है। इसका भार 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 1000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम होगा।
सूत्रों ने कहा कि अग्नि-2 का विकास उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर किया था। भारत डाइनामिक्स लिमिटेड हैदराबाद ने इसमें सहयोग किया। अग्नि-2 अग्नि सीरीज की मिसाइलों का हिस्सा है। जिसमें 700 किलोमीटर मारक क्षमता वाली अग्नि-1,3000 किलोमीटर वाली अग्नि-3,अग्नि-4 और अग्नि-5 शामिल हैं।
अग्नि-2 मिसाइल का पहला प्रारूप 11 अप्रैल 1999 को तैयार हुआ था। व्हीलर आईलैंड से 19 मई 2009 को हुए पहले परीक्षण और 23 नवंबर 2009 को हुए रात्रि परीक्षण में यह सभी मानकों पर खरा नहीं उतरी थी। इसके बाद 30 सितम्बर2011 सहित इसी जगह से हुए अन्य सभी परीक्षण सफल रहे थे।
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