बच्चियों को मौत देने वालों को मिलेगी मौत?
मुंबई। महाराष्ट्र में कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों ने सरकार की नींद उड़ा रखी है। महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को सजा ए मौत मिलनी चाहिए। सजा के प्रावधान को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने केन्द्र से राय मांगी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने विधानसभा में बताया कि भ्रूण हत्या के दोषी लोगों पर आईपीएस की धारा 320 लगाने के सुझाव को केन्द्र के पास भेजा गया है। अगर सरकार इस सुझाव पर सहमत हो गई तो अवैध रूप से कन्या भ्रूण हत्या करने वाले डॉक्टरों और ऎसा करने के लिए महिला को मजबूर करने वाले रिश्तेदारों पर हत्या का केस चलेगा।
महाराष्ट्र सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य की छवि खराब हो रही है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हजारों सोनोग्राफी सेंटरों पर छापे मारे थे। मौजूदा कानून के तहत लिंग परीक्षण को बैन कर दिया गया है लेकिन कुछ डॉक्टरों की लालची प्रवृत्ति की वजह से भ्रूण परीक्षण जारी है।
मौजूदा कानून में लिंग परीक्षण करने वाले डॉक्टर और रेडियोलोजिस्ट को पांच साल की कैदा और पचास हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यह कानून 14 फरवरी 2003 से लागू किया गया था। लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में बहुत कम लोगों को सजा हो पाती है। महाराष्ट्र में लड़कों और लड़कियों के लिंग अनुपात में भारी अंतर है। महाराष्ट्र में 1000 लड़कों पर सिर्फ 801 लड़कियां है।
मुंबई। महाराष्ट्र में कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों ने सरकार की नींद उड़ा रखी है। महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को सजा ए मौत मिलनी चाहिए। सजा के प्रावधान को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने केन्द्र से राय मांगी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने विधानसभा में बताया कि भ्रूण हत्या के दोषी लोगों पर आईपीएस की धारा 320 लगाने के सुझाव को केन्द्र के पास भेजा गया है। अगर सरकार इस सुझाव पर सहमत हो गई तो अवैध रूप से कन्या भ्रूण हत्या करने वाले डॉक्टरों और ऎसा करने के लिए महिला को मजबूर करने वाले रिश्तेदारों पर हत्या का केस चलेगा।
महाराष्ट्र सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य की छवि खराब हो रही है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हजारों सोनोग्राफी सेंटरों पर छापे मारे थे। मौजूदा कानून के तहत लिंग परीक्षण को बैन कर दिया गया है लेकिन कुछ डॉक्टरों की लालची प्रवृत्ति की वजह से भ्रूण परीक्षण जारी है।
मौजूदा कानून में लिंग परीक्षण करने वाले डॉक्टर और रेडियोलोजिस्ट को पांच साल की कैदा और पचास हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यह कानून 14 फरवरी 2003 से लागू किया गया था। लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में बहुत कम लोगों को सजा हो पाती है। महाराष्ट्र में लड़कों और लड़कियों के लिंग अनुपात में भारी अंतर है। महाराष्ट्र में 1000 लड़कों पर सिर्फ 801 लड़कियां है।
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