शनिवार, 28 जुलाई 2012

अदालत को सुनाई षड्यंत्र की कहानी

अदालत को सुनाई षड्यंत्र की कहानी
जोधपुर। एएनएम भंवरी देवी के अपहरण एवं हत्या के मामले में चार्ज बहस के दौरान शुक्रवार को सीबीआई के अधिवक्ताओं ने भंवरी के अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने की कहानी अदालत को बताई। अभियोजन ने बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा और लूनी विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित अन्य आरोपियों की भूमिका के बारे भी सेशन न्यायाधीश गिरीश कुमार शर्मा को सिलसिलेवार जानकारी दी।

करीब दो घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एस.एस. यादव एवं अशोक जोशी ने अपहरण और हत्या में आरोपियों की भूमिका साबित करने के लिए बीएसएनएल के बीटीएस (ब्लॉक टॉवर स्टेशन) के आधार पर आरोपियों के बिलाड़ा के इर्द-गिर्द एकत्र होने और लगातार एक-दूसरे के सम्पर्क में होने के तथ्य न्यायालय में रखे।

वकीलों ने अपहरण की साजिश में सहीराम एवं उमेशाराम की भूमिका, हत्या की योजना, महिपाल मदेरणा की संलिप्तता एवं विशनाराम गैंग से सम्बन्धों के बारे में भी तफसील ब्यौरा दिया। सीबीआई के वकीलों का कहना था कि 1 सितम्बर 2011 की सुबह सभी आरोपियों एवं भंवरी देवी की मोबाइल लॉकेशन अलग-अलग थी, लेकिन दोपहर में लगातार हुई बातचीत के बाद शाम होते-होते सभी बिलाड़ा के निकट एकत्र हो गए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए मुल्तवी कर दी।

अर्जी खारिज
इस प्रकरण में अभियोजन के सहयोग के लिए परिवादी पक्ष की ओर से पक्षकार बनाने और पैरवी करने को लेकर दायर अर्जियां अदालत ने नामंजूर कर दी। वहीं, आरोपियों को हथकड़ी लगाने के मामले में शनिवार को सुनवाई तय की है।

महिपाल को छोड़ सभी हाजिर
बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा शुक्रवार भी अदालत में नहीं आए। जबकि लूनी विधायक मलखान सिंह एवं उनके भाई परसराम सहित अन्य सभी आरोपी न्यायालय में उपस्थित थे। दोनों भाइयों की गुहार पर उन्हें कठघरे से बाहर बैंच पर बैठने की भी अनुमति दी गई।

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