नई दिल्ली. पीएम मनमोहन सिंह के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर भी बाल ठाकरे लोगों की सहानुभूति नहीं जुटा पा रहे हैं। लोगों को हैरानी इसलिए भी हो रही है कि एनडीए के अहम सहयोगी शिव सेना के प्रमुख ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी समर्थित उम्मीदवार का साथ नहीं देते हुए यूपीए उम्मीदवार और कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया है।
ठाकरे के इस बयान को लेकर लोग माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।
@chandrabhushanj ने ठाकरे से पूछा है कि आपने प्रणब मुखर्जी का समर्थन क्यों किया? ठाकरे के इस बयान को लोग सियासी फायदे के लिए चली गई चाल के तौर पर भी देख रहे हैं।
@VlV3K ने कहा है, 'मुझे लगता है कि बाल ठाकरे टाइम मैग्जीन के 'अंडरएचीवर' वाले बयान को मराठी मानुष के लिए ट्रांसलेट कर रहे हैं।'
श्रेयस शेवाड़े नामक के एक शख्स ने @kickasswriter अकाउंट से लिखा है, 'बाल ठाकरे पीएम पर टिप्पणी के लिए मराठी लहजे का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके कहने का मतलब 'पॉलिटिकली इंपॉर्टेंट' है।'
@TheRadioJoker ने यह कहते हुए ठाकरे पर चुटकी ली है, 'संभव है कि इस बयान के बाद बाल ठाकरे 'पॉलिटिकल वियाग्रा' की अपनी लाइन पेश करेंगे।'
@KnightKits ने कहा है, 'ऐसा लगता है कि बाल ठाकरे एडल्फ हिटलर के अवशेषों से बने हुए हैं।'
डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से बने एक अकाउंट @PM0India के जरिये कहा गया है, 'बाल ठाकरे ने मुझे राजनीतिक नपुंसक कहा है? ठीक है बेटा, राष्ट्रपति चुनाव में वोट कर दे, फिर बताता हूं।'
क्या कहा है ठाकरे ने?
ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे सम्पादकीय में मनमोहन सिंह को राजनीतिक तौर पर 'नपुंसक' करार दिया है। उन्होंने कहा, 'लोग हैरत में हैं कि वास्तव में 'अंडरएचीवर' का मतलब क्या है। हमारी भाषा में (ठाकरे भाषा) में इसका मतलब देश के प्रधानमंत्री का राजनीतिक रूप से नपुंसक होना है।उनकी अवस्था दिल्लगीबाज बूढ़े पति जैसी हो गई है। इस अवस्था में जितना भी संभव है, उस आनंद का उपभोग करने का कार्य मनमामेहन सिंह कर रहे हैं।'
'टाइम' मैग्जीन ने मनमोहन सिंह को 'अंडरएचीवर' (उम्मीद के मुताबिक कामयाबी हासिल नहीं करने वाला) बता चुकी है। वैसे ठाकरे ने साफ किया है कि 'टाइम' मैग्जीन का नजरिया किसी आदमी को बड़ा या छोटा नहीं बनाता, क्योंकि इस मैग्जीन पर भी व्यवसायिक दबाव होता है।
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