शनिवार, 21 जुलाई 2012

बाड़मेर पुलिस कप्तान ने दो लडकियों की पेदाईस के बाद घर से निकाली विवाहिता का घर पुनः बसाया


बाड़मेर पुलिस कप्तान ने दो लडकियों की पेदाईस  के बाद घर से निकाली विवाहिता का घर पुनः बसाया 


बाड़मेर बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने चाँद रोज पूर्व दो बालिकाओ के जन्म के कारण घर से बदर की विवाहिता कांता को उसके ससुराल वालो ने घर से बदर कर दिया था ,उसके ससुराल वाले किसी भी किम्मत पर कांता और उसकी दो मासूम बालिकाओ को वापस घर लाने के इच्छुक नहीं थे ,जिसके चलते  कांता ने अपने पति सहित ससुराल वालो के खिलाफ पुलिस अधीक्षक से शिकायत भी की थी ,मिडिया में यह सामने आने पर मानवाधिकार आयोग ने भी इस पर कार्यवाही शुरू कर दी थी ,इसी बीच बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने कान्ता के पति रूप किशोर और उसके पिटा को बुला कर समझईस की ,राहुल ने आज के समय में बेटियों के होने का महत्त्व समझाया साथ ही क़ानून प्रक्रिया की भी जानकारी दी ,राहुल ने उन्हें बेटियों के महत्त्व को समझाया जिस पर रूप किशोर और उसके पिटा कांता को वापस घर ले जाने तथा पूर्ण इज्ज़त के साथ रखने को राजी हो गए .आज काँटा पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट का आभार मानती हें ,उसका कहना हे की एस पी साहब की समझाईस के कारन आज मेरा घर वापस बस गया ,मुझे ससुराल में वोही मान सम्मान पुनः मिलाने लगा हें ,उसने स्वीकार किया की मज्बूरिवास उसने क़ानून का सहारा लिया था ,पुलिस अधीक्षक की सम्झईस के चलते मेरे पति और ससुर मुझे बा इज़त ससुराल वापस ले आये 


मामला क्या था पढ़े

एक नया मामला बाड़मेर जिले से आया हैं,जहां एक महिला को सात जन्म के कसम खाने वाले पति और ससुरालवालों ने इसलिए घर से बाहर निकाल दिया क्योंकि उसने लड़के की जन्म न देकर दो लड़कियां पैदा की ली.

पिछले पन्द्रह दिनों में जैसलमेर में चार कन्याओं के जन्म लेते ही उनको मार डालने की घटनाएं सामने आई हैं.

आधी रात निकाला घर से

उसके बाद बाड़मेर में दो लड़कियों के साथ इस महिला को उसके पति ने घर से आधी रात में निकाल दिया और उसे तनिक दया भी नहीं आई. दो लड़कियों
को उसने जन्म क्या दिया उस पर दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा और जिस व्यक्ति की अर्धांगिनी कहलाई उसी ने उसको घर से धक्के देकर घर से बाहर
निकाल दिया.

महिला के पिता सुखदेव गौड़ के अनुसार एक तरफ सरकार जहां लड़कियों को जन्म देने की बात कर रही हैं दूसरी तरफ लड़कियों को जन्म देने के बाद
उनकी माँ को इस कदर घर बदर कर दिया जाए तो कौन मां बेटियां पैदा करना चाहेगी!

विवाहिता ने आरोप लगाया कि बेटियां होने के कारण उसका पति व सास उसे परेशान करते हैं तथा उसके साथ मारपीट करते हैं. महिला ने हौसला दिखाया और अपनी बेटियों को बचाने की गुहार जिला प्रशासन और पुलिस से कर दी हैं.

अपने पीहर रह रही कांता ने एडीएम अरुण पुरोहित व रामसिंह मीणा एएसपी के समक्ष पेश होकर न्याय दिलाने की मांग की. ज्ञापन में उसने बताया कि
उसका विवाह फरवरी-2008 में रूपकिशोर के साथ हुआ था.

ससुराल पक्ष की ओर से पहली पुत्री के जन्म के बाद उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया था, जिस पर आपसी समझ पर 14 महीने बाद वापस ससुराल
भेजा गया. वहीं जब दूसरी बेटी का जन्म हुआ तो पति, सास व ससुर ने उसके साथ फिर से मारपीट करना शुरू कर दिया.

कांता ने बताया कि उसके पिता पेंशनभोगी है. दोनों बेटियों के भविष्य को देखते हुए उन्होंने पुलिस व प्रशासन से न्याय दिलाने की मांग की.

लड़कियों पैदा करना अपराध!

यकीनन यह दुखद घटना हैं. क्योंकि आज भी लड़कियों के जन्म के बादबाड़मेर जैसे इलाके में लड़कियों के पैदा होने पर खुशियां महसूस नहीं की जाती
बल्कि उन्हें या तो मार दिया जाता हैं या फिर लड़की को जन्म देने वाली मां को प्रताड़ित किया जाता हैं.

बाड़मेरबाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने चाँद दिनों पहले दो बालिकाओं  के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम सिंह मीणा के अनुसार इस मामले को गम्भीरता से पुलिस ले रही हैं और आवश्यक कार्रवाही की जाएगी.

आमिर खान टीवी चैनलों पर कन्या भ्रूण हत्या और महिला सशक्तिकरण की बातें भले ही कितनी भी क्यों न कर लें लेकिन धरातल पर आज भी लड़कियों के साथ वह बर्ताव होता हैं जो पुरुष प्रधान समाज की फितरत में शामिल हैं.

सीधे तौर पर लडकियां आज भी जलाकर मार दी जाती हैं या फिर घरों से निकाल दी जाती हैं.

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