समायोजन में लापरवाही बरतने पर होगी अनुषासनात्मक कार्यवाही
बाड़मेर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना, इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना से संबंधित समायोजन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अनुासनात्मक कार्यवाही के निर्दो दिए हैं। बाड़मेर में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 15370.40 लाख का समायोजन बकाया है।
बाड़मेर। महात्मा गांधी नरेगा योजना, इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजनान्तर्गत व्यय हुई राि के समायोजन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अनुासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिला कलेक्टर के मुताबिक इसमें कौताही बर्दात नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने पंचायत समितिवार अधिकारियों को समायोजन की नियमित मोनेटरिंग करने के निर्दो दिए है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना, इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजनान्तर्गत 31 मार्च 2012 तक हुए समस्त व्यय के समायोजन के लिए जिला स्तर से नियमित रूप से मोनेटरिंग की जाएगी। बाड़मेर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत बाड़मेर पंचायत समिति से 1513.56 लाख, बायतू से 4005.70 लाख, बालोतरा से 1876.43 लाख, सिवाना 861.81 लाख, सिणधरी 2114.90 लाख, चौहटन 2483.52 लाख, धोरीमन्ना 1465.79 लाख तथा िव पंचायत समिति से 1045.69 लाख रूपए का समायोजन बकाया है। प्रधान ने बताया कि बाड़मेर जिले में बकाया राि को समायोजित करवाने के लिए आठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल को पंचायत समिति बाड़मेर, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप मीणा को चौहटन, सहायक अभियंता तेजाराम चौधरी को सिवाना, वरिष्ठ लेखाधिकारी सांवरमल धोरीमन्ना, अधिषी अभियंता भगवानसिंह बायतू, सहायक अभियंता आोक गोयल िव, सहायक लेखाधिकारी बाबूलाल छाजेड़ सिणधरी, सहायक लेखाधिकारी जुगलकिोर मूंदड़ा को बालोतरा पंचायत समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं लेखाधिकारी जिला परिषद तेजाराम, सहायक अभियंता रामलाल हुडा, लेखाकार नखताराम, कनिष्ठ लेखाकार चन्द्रमोहन, मघाराम, आोक भार्मा, सुरो गोलेच्छा बतौर सहायक सेवाएं देंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को निर्दो दिए गए है कि समायोजन के लिए मुख्यतः ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए कार्यों का उपयोगिता/पूर्णता पत्र तैयार होकर कार्यक्रम अधिकारी को प्रस्तुत होने के साथ उसमें दार्ये गए व्यय का नियमानुसार समायोजन करवाएं। समायोजन का कार्य समय पर संपादित करने के लिए पंचायत समितिवार प्रभारी अधिकारी को साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्दो दिए गए है। इसके तहत उनको संबंधित पंचायत समिति में जाकर समायोजन प्रगति की नियमित मोनेटरिंग करने के निर्दो दिए गए है।
पंचायत समितिवार मूल्यांकनः पंचायत समितिवार समायोजन के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक चौहटन, सिणधरी एवं बालोतरा में 14 जुलाई, सिवाना में 15 जुलाई, बायतू एवं िव में 16 जुलाई को संबंधित अधिकारी पंचायत समिति पहुंचकर समायोजन संबंधित प्रगति का मूल्यांकन करेंगे।
पिछले वर्षों का समायोजन भी बाकीः वित्तीय वर्ष 200708 से 201012 में व्यय हुई राि का समायोजन सभी पंचायत समितियों से बकाया है। इसको लेकर जिला प्रासन बेहद गंभीर रवैया अपना रहा है। राज्य सरकार से भी निर्दों के बाद एक अभियान चलाकर समायोजन के प्रयास किए जा रहे है।
बायतू में सबसे अधिक समायोजन बकाया: बाड़मेर जिले में बकाया समायोजन में बायतू पंचायत समिति प्रथम स्थान पर है। इसके बाद सिणधरी, चौहटन,बालोतरा, बाड़मेर एवं धोरीमन्ना पंचायत समिति का समायोजन बकाया है।
बकाया समायोजन एक नजर मंें (लाखों में )
पंचायत समिति200708 से 201011 का समायोजन बकायाअब तक कुल समायोजनअब तक कुल बकाया समायोजन
बाड़मेर193.472550.911513.56
बायतू77.512015.684005.70
बालोतरा84.731469.651876.43
सिवाना56.431377.32861.81
सिणधरी88.56924.572114.90
चौहटन45.521786.002483.52
धोरीमन्ना0.001989.151465.79
िव37.28724.471045.69
योग582.0012837.7515370.40
पेयजल एवं स्वच्छता मिन की रिसोर्ट टीम ने देखा जल प्रबंधन
पेयजल एवं स्वच्छता मिन के रिसोर्स सेंटर टेरी की टीम ने बाड़मेर जिले का दौरा कर पिचमी राजस्थान में जल प्रबंधन के लिहाज से किए गए परंपरागत एवं मौजूदा प्रयासों की विस्तार से जानकारी ली। जल प्रबंधन के लिहाज से किए गए यह प्रयास जल्दी डाक्यूमोन का रूप लेंगे।
बाड़मेर। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता मिन के रिसोर्स सेंटर टीम ने बाड़मेर जिले का दौरा कर परंपरागत जलस्त्रोतों एवं महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत हुए टांका निर्माण को देखा। उन्होंने बाड़मेर में बारि के पानी के संग्रहण को लेकर हुए कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इसको माडल के रूप में पूरे दो में प्रस्तुत करने की जरूरत जताते हुए कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मिन के तहत इसका डाक्यूमोन कराया जाएगा।
वाटर रिर्सोसेज पालिसी एंड मैनेजमेंट की फेलो डा.गिरिजा के भारत, रिचर्स ऐसोसिएट तारिका खन्ना एवं फिल्म एंड टेलीविजन विजुअल मीडिया मैनेजर रिु निगम ने गुरूवार को बाड़मेर जिले के देरासर तालाब, रामसर में सोनिया चैनल, बेरियां, रामसर कुआं में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत हुए टांका निर्माण को देखा। इसी तरह मठार का पार एवं मालाणा में बेरियों का अवलोकन ग्रामीणों से जल प्रबंधन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान आईईसी मैनेजर मदन बारूपाल, सरपंच वली मोहम्मद ने रिसोर्स टीम को ग्रामीण इलाकों में जल प्रबंधन को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। ग्रामीणों ने बताया कि सरहदी इलाकों में स्थित इन बेरियों में सेजे का पानी रिस रिस कर आता है। इसके जरिए पानी की आवयकता की पूर्ति होती है। बाड़मेर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत हुए टांका निर्माण से उनको खासी राहत मिली है। रिसोर्स टीम ने सोनिया चैनल के जरिए बेरियों के जल स्तर में सुधार एवं इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बाड़मेर में जल प्रबंधन को लेकर हुए कार्य की प्रांसा करते हुए इसके डाक्यूमोन की मां जताई है। इस दि में जल्दी कार्य भाुरू होगा।
जिला प्रमुख से ली जानकारीः रिसोर्ट टीम ने जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर से मुलाकात कर बाड़मेर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत हुए टांका निर्माण एवं जल प्रबंधन के लिहाज से किए गए प्रयासों की विस्तार से जानकारी ली। जिला प्रमुख ने बताया कि टांकों की बदौलत बाड़मेर में व्यर्थ बहने वाला बारि एकत्रित होने के साथ ग्रामीणों को पेयजल संकट से राहत मिली है। पहले ग्रामीण अपने बलबूते पर टांका निर्माण नहीं करवा सकते थे। लेकिन महात्मा गांधी नरेगा योजना ने ग्रामीणों के सपने को साकार करने के साथ पेयजल संकट से निजात दिला दी है।
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