जैसलमेर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खबर ..जयपुर से आई विशेष जांच टीम
टीम ने कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्ती मानने से किया इनकार
नाम कच्ची बस्ती, बने हुए हैं बंगले
जैसलमेर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक में गत माह जैसलमेर की कच्ची बस्तित्यो के गौरख धंधे नाम से चली श्रंखला बदज समाचारों की मुख्यमंत्री के आदेशो के बाद जयपुर से जांच दल ने जैसलमेर पहुँच काची बस्तियों की जांच की ,टीम ने काची बस्तियों में बने आलिशान बंगलो तथा सुविधाओ को देख कच्ची बस्ती मानने से इनकार कर रिपोर्ट स्वायत शाशन विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपने की बात कही ,बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने जैसलमेर में कच्ची बस्तियों में पनपे भू माफियो को लेरकर जोरदार खुलाशा किया था .जिस शहर की कच्ची बस्तियों में आलीशान मकान बने हुए हैं वहां आईएचएसडीपी जैसी योजनाओं का मतलब ही नहीं है। यह योजना तो झुग्गी झोपडिय़ों वाली कच्ची बस्तियों के लिए हैं, जैसलमेर की कच्ची बस्तियां तो ऐसी नहीं है। जैसलमेर में चल रही आईएचएसडीपी योजना की जांच करने जयपुर से आई एजी ऑडिट टीम ने यह टिप्पणी की है। टीम ने यह टिप्पणी कर इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर ही प्रश्र चिह्न लगा दिया है।
गौरतलब है कि कच्ची बस्तियों के विकास के लिए सरकार ने आईएचएसडीपी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत कच्ची बस्तियों में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
साथ ही साथ सर्वेधारियों को कच्चे मकान से पक्का मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है। जैसलमेर में इस योजना के तहत 6 करोड़ से भी अधिक खर्च हो चुके हैं।
जहां सरकार करोड़ों रुपए लुटा रही है वहां ऑडिट टीम ने जैसलमेर की कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्तियां ही मानने से इंकार कर दिया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस योजना के तहत जैसलमेर को मिलने वाला बजट रुक सकता है।
यहां तो आलीशान मकान बने हुए हैं : जैसलमेर शहर की कच्ची बस्तियों में आालीशान मकान बने हुए हैं। आडिट टीम ने जब निरीक्षण किया तो उन्हें कई बस्तियों में शानदार जैसलमेरी पत्थरों से बने मकान दिखाई दिए। इन्हें देखने पर ही उन्होंने योजना पर सवाल उठाए हैं। जानकारी के अनुसार कच्ची बस्तियों में जिस समय सर्वे हुआ तो उस समय नगरपालिका के कर्मचारियों की मिलीभगती से कई भूमाफियाओं ने कब्जे कर सर्वे नंबर ले लिए थे। रातों रात कब्जे हो गए और लोगों को 900 रुपए में भूखंड मिल गया। वर्तमान में शहर की बबर मगरा व गफूर भट्टा कच्ची बस्ती में पहले से ही सर्वाधिक पक्के मकान बने हुए हैं।
प्रथम फेज के तहत पहली किश्त 21 हजार 94 रुपए की एडवांस और कुर्सी तल तक काम पूरा होने पर दूसरी किश्त 21 हजार 94 रुपए की दी जानी है। वहीं छपना लेवल तक काम पूरा होने पर तीसरी किश्त 24 हजार 610 रुपए की तथा काम पूरा होने पर चौथी किश्त 3500 रुपए की दी जानी है। इसी प्रकार द्वितीय फेज में पहली किश्त 33 हजार 297, दूसरी किश्त 33 हजार 297, तीसरी किश्त 38 हजार 847 तथा चौथी किश्त 5550 रुपए है।
आईएचएसडीपी योजना के तहत शहर की कच्ची बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाने हैं। नगरपरिषद द्वारा शहर की कच्ची बस्तियों में सीवरेज, सड़क, स्ट्रीट लाइट व पानी निकासी संबंधी कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए भी सरकार इस योजना के तहत सर्वेधारियों को मकान बनाने के लिए सहायता राशि भी दे रही है। जैसलमेर में दोनों फेज मिलाकर कुल 2400 सर्वेधारियों को मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जानी है। प्रथम फेज में चिह्नित सर्वेधारियों को चार अलग अलग किश्तों में 70 हजार 298 तथा द्वितीय फेज में चिह्नित सर्वेधारियों को चार किश्तों में 1 लाख 10 हजार 991 रुपए दिए जाने हैं।
जयपुर से आई टीम ने शहर की कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्तियां ही नहीं माना
581 पट्टा धारकों ने अब तक नहीं ली दूसरी किश्त तथा दूसरी किश्त लेने के बाद 362 ने अभी तक नहीं ली तीसरी किश्त
इधर जैसलमेर आयुक्त ने भी बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खबर के बाद जांच के आदेश दिए थे ,.
टीम ने कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्ती मानने से किया इनकार
नाम कच्ची बस्ती, बने हुए हैं बंगले
जैसलमेर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक में गत माह जैसलमेर की कच्ची बस्तित्यो के गौरख धंधे नाम से चली श्रंखला बदज समाचारों की मुख्यमंत्री के आदेशो के बाद जयपुर से जांच दल ने जैसलमेर पहुँच काची बस्तियों की जांच की ,टीम ने काची बस्तियों में बने आलिशान बंगलो तथा सुविधाओ को देख कच्ची बस्ती मानने से इनकार कर रिपोर्ट स्वायत शाशन विभाग के प्रमुख सचिव को सौंपने की बात कही ,बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने जैसलमेर में कच्ची बस्तियों में पनपे भू माफियो को लेरकर जोरदार खुलाशा किया था .जिस शहर की कच्ची बस्तियों में आलीशान मकान बने हुए हैं वहां आईएचएसडीपी जैसी योजनाओं का मतलब ही नहीं है। यह योजना तो झुग्गी झोपडिय़ों वाली कच्ची बस्तियों के लिए हैं, जैसलमेर की कच्ची बस्तियां तो ऐसी नहीं है। जैसलमेर में चल रही आईएचएसडीपी योजना की जांच करने जयपुर से आई एजी ऑडिट टीम ने यह टिप्पणी की है। टीम ने यह टिप्पणी कर इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर ही प्रश्र चिह्न लगा दिया है।
गौरतलब है कि कच्ची बस्तियों के विकास के लिए सरकार ने आईएचएसडीपी योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत कच्ची बस्तियों में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
साथ ही साथ सर्वेधारियों को कच्चे मकान से पक्का मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है। जैसलमेर में इस योजना के तहत 6 करोड़ से भी अधिक खर्च हो चुके हैं।
जहां सरकार करोड़ों रुपए लुटा रही है वहां ऑडिट टीम ने जैसलमेर की कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्तियां ही मानने से इंकार कर दिया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस योजना के तहत जैसलमेर को मिलने वाला बजट रुक सकता है।
यहां तो आलीशान मकान बने हुए हैं : जैसलमेर शहर की कच्ची बस्तियों में आालीशान मकान बने हुए हैं। आडिट टीम ने जब निरीक्षण किया तो उन्हें कई बस्तियों में शानदार जैसलमेरी पत्थरों से बने मकान दिखाई दिए। इन्हें देखने पर ही उन्होंने योजना पर सवाल उठाए हैं। जानकारी के अनुसार कच्ची बस्तियों में जिस समय सर्वे हुआ तो उस समय नगरपालिका के कर्मचारियों की मिलीभगती से कई भूमाफियाओं ने कब्जे कर सर्वे नंबर ले लिए थे। रातों रात कब्जे हो गए और लोगों को 900 रुपए में भूखंड मिल गया। वर्तमान में शहर की बबर मगरा व गफूर भट्टा कच्ची बस्ती में पहले से ही सर्वाधिक पक्के मकान बने हुए हैं।
प्रथम फेज के तहत पहली किश्त 21 हजार 94 रुपए की एडवांस और कुर्सी तल तक काम पूरा होने पर दूसरी किश्त 21 हजार 94 रुपए की दी जानी है। वहीं छपना लेवल तक काम पूरा होने पर तीसरी किश्त 24 हजार 610 रुपए की तथा काम पूरा होने पर चौथी किश्त 3500 रुपए की दी जानी है। इसी प्रकार द्वितीय फेज में पहली किश्त 33 हजार 297, दूसरी किश्त 33 हजार 297, तीसरी किश्त 38 हजार 847 तथा चौथी किश्त 5550 रुपए है।
आईएचएसडीपी योजना के तहत शहर की कच्ची बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाने हैं। नगरपरिषद द्वारा शहर की कच्ची बस्तियों में सीवरेज, सड़क, स्ट्रीट लाइट व पानी निकासी संबंधी कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए भी सरकार इस योजना के तहत सर्वेधारियों को मकान बनाने के लिए सहायता राशि भी दे रही है। जैसलमेर में दोनों फेज मिलाकर कुल 2400 सर्वेधारियों को मकान बनाने के लिए सहायता राशि दी जानी है। प्रथम फेज में चिह्नित सर्वेधारियों को चार अलग अलग किश्तों में 70 हजार 298 तथा द्वितीय फेज में चिह्नित सर्वेधारियों को चार किश्तों में 1 लाख 10 हजार 991 रुपए दिए जाने हैं।
जयपुर से आई टीम ने शहर की कच्ची बस्तियों को कच्ची बस्तियां ही नहीं माना
581 पट्टा धारकों ने अब तक नहीं ली दूसरी किश्त तथा दूसरी किश्त लेने के बाद 362 ने अभी तक नहीं ली तीसरी किश्त
इधर जैसलमेर आयुक्त ने भी बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खबर के बाद जांच के आदेश दिए थे ,.
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