जमशेदपुर. कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) डॉ. सलिल कुमार राय और प्रतिकुलपति (प्रोवीसी) डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी का विवाद अब सीमा तोडऩे लगा है। दोनों एक-दूसरे पर मर्यादा खराब करने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं।
दोनों के बीच का विवाद दो साल पुराना है। 16 नवंबर 2010 को डॉ. सलिल कुमार राय वीसी बने थे, तभी से कलह शुरू हो गया था। लेकिन 4 जून 2012 को राज्यपाल को लिखे पत्र में डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी ने कहा, ‘कुलपति बनने के बाद से ही डॉ. सलिल कुमार राय मुझ पर सैक्रिलिजस (अपवित्रीकारी, देवद्रोही, धर्मविरोधी) आक्रमण कर रहे हैं।’
अंग्रेजी में लिखे एक पेज के पत्र में डॉ. बनर्जी ने कहा है:‘डॉ. राय इसलिए प्रताडि़त कर रहे हैं कि मैं थक-हार कर शरीर सौंपने के लिए तैयार हो जाऊं’(...सो दैट आई मे बी पुट टू सेक्सुअल ह्रासमेंट एंड एक्सप्लाइटेशन आलसो)
वीसी ने कहा कि वे विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की दिन रात कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में काम न करने वाले लोग उनपर आरोप लगा कर माहौल खराब कर रहें है।
सुर्खियों में रहने वालीं डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी प्रोवीसी बनने से पहले जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में पदस्थापित थीं, जहां क्लास नहीं लेने के कारण प्रिंसिपल से उनकी नहीं बनती थी। इसके अलावा प्रोवीसी पर जन्म तिथि में छेड़छाड़ करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में छह माह तक उनके वेतन पर भी रोक लगी थी। प्रोवीसी यूजीसी की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रत्नावली बनर्जी की बहन हैं।
पैसे की हेराफेरी के भी लग चुके हैं आरोप: महालेखाकार द्वारा विवि का ऑडिट कराया गया। इसके आधार पर प्रोवीसी समेत विवि के अन्य पूर्व अधिकारियों पर पैसे की हेराफेरी की शिकायत की गई थी।
राज्यपाल से दो बार मिला है शो-कॉज: वीसी की शिकायत के बाद राजभवन द्वारा दो अलग-अलग कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई गई। अब तक प्रोवीसी को दो बार शो-कॉज जारी कर जवाब मांगा गया है।
वह मेरी मर्यादा पर आघात कर रही हैं "डॉ. लक्ष्मीश्री बनर्जी क्या हैं, यह दुनिया जानती है। उनके कह देने से मैं गलत नहीं हो जाऊंगा। वे काम नहीं करती हैं। विश्वविद्यालय नहीं आती हैं। मेरी उनसे मुलाकात सिर्फ मीटिंग में होती है। आरोप बेबुनियाद व गलत है। वे मेरी मर्यादा पर आघात कर रही हैं।" - (डॉ. सलिल कुमार राय
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