25 जून से बाबा अमरनाथ की पवित्र तीर्थ यात्रा शुरू हो रही है। इसका समापन श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन (इस बार 2 अगस्त) के दिन होता है। इस यात्रा के साथ मात्र हिन्दुओं की ही नहीं बल्कि मुस्लिम और अन्य धर्मों के श्रद्धालुओं की भी आस्था जुड़ी है। माना जाता है कि इस पवित्र गुफा की खोज ही एक मुसलमान गड़ेरिये ने की।
हिन्दू धर्म मान्यताओं के मुताबिक यह वही पवित्र स्थान है, जहां भगवान शंकर ने माता पार्वती के सामने अमरता का रहस्य उजागर किया। इसलिए यह बाबा अमरनाथ की गुफा के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस गुफा से जुड़ी आस्था की सबसे खास वजह है, इसमें बनने वाले बर्फ के शिवलिंग। यह स्वयंभू शिवलिंग माना जाता है। इस बर्फ के शिवलिंग को लेकर अनेक लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इतनी ऊंचाई पर स्थित गुफा में इतना ऊंचा और विशाल बर्फ का शिवलिंग कैसे बनता है? इससे जुड़े वैज्ञानिक कारण भी हैं। तस्वीरों के जरिए जानिए अमरनाथ गुफा, उसमें बनने वाले हिम शिवलिंग और इससे जुड़े रोचक वैज्ञानिक और धार्मिक पहलुओं को।
हिन्दू धर्म मान्यताओं के मुताबिक यह वही पवित्र स्थान है, जहां भगवान शंकर ने माता पार्वती के सामने अमरता का रहस्य उजागर किया। इसलिए यह बाबा अमरनाथ की गुफा के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस गुफा से जुड़ी आस्था की सबसे खास वजह है, इसमें बनने वाले बर्फ के शिवलिंग। यह स्वयंभू शिवलिंग माना जाता है। इस बर्फ के शिवलिंग को लेकर अनेक लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इतनी ऊंचाई पर स्थित गुफा में इतना ऊंचा और विशाल बर्फ का शिवलिंग कैसे बनता है? इससे जुड़े वैज्ञानिक कारण भी हैं। तस्वीरों के जरिए जानिए अमरनाथ गुफा, उसमें बनने वाले हिम शिवलिंग और इससे जुड़े रोचक वैज्ञानिक और धार्मिक पहलुओं को।
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