रिश्वत के आरोप में आईपीएस गिरफ्तार
अजमेर। मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनी के एक एजेंट से एक लाख रूपए की रिश्वत वसूलने के आरोप में एसीबी ने गुरूवार दोपहर एएसपी (उत्तर) अजय सिंह और सहायक उप निरीक्षक प्रेमसिंह खंगारोत को गिरफ्तार कर लिया। अजय प्रदेश के पहले ऎसे प्रशिक्षु आईपीएस हैं, जो घूस मामले में पकडे गए हैं।
एसीबी ने जाल बिछाकर प्रेम सिंह को रामगंज थाने में एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा जबकि 2009 बैच के आईपीएस अजय सिंह को नाकाबंदी करके जयपुर के निकट कानोता थाने के सामने पकड़ा गया। उनके कब्जे से अंग्रेजी शराब की दो पेटी भी बरामद की गई हैं। आईपीएस को एसीबी पूछताछ के लिए अजमेर ले गई। एएसआई के कब्जे से एक लैपटॉप और कार बरामद की गई है। उधर, अवैध रूप से मिली शराब के मामले में कानोता पुलिस ने आईपीएस के साथ कार में बैठे भाई को गिरफ्तार कर लिया है।
थाने में पकड़ा गया एएसआई
ब्यूरो के महानिरीक्षक उमेश मिश्र ने बताया कि आईपीएस अजय सिंह और एएसआई प्रेम सिंह ने मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनी "मार्स बिल्ड होम डवलपर्स" के एजेन्ट बिलाड़ा (जोधपुर) निवासी भवानी सिंह विश्नोई को उपहार में मिली कार के मामले में पिछले दिनों दबाव बनाना शुरू किया। मामले में उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए दो लाख रूपए की रिश्वत मांगी गई।
विश्नोई ने इसकी शिकायत एसीबी से की। सत्यापन के दौरान सौदा एक लाख रूपए में तय हो गया। प्रेम सिंह ने विश्नोई को रकम लेकर रामगंज थाने बुलाया। एएसआई के रिश्वत हाथ में लेते ही एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी के नेतृत्व वाली टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। एएसआई ने एएसपी अजय सिंह के आदेश पर पैसे लेना कबूला। इस बीच अजय सिंह छुट्टी लेकर जयपुर रवाना हो गए।
नाकाबंदी में आईपीएस को दबोचा
एएसपी अजय सिंह की धरपकड़ के लिए एसीबी ने अजमेर से जयपुर और भरतपुर तक हर रास्ते पर नाकाबंदी लगाकर तलाश की। एएसआई ने उनके एक निजी कार में रवाना होने की जानकारी दी। एसीबी की टीम ने अजय सिंह को कानोता थाने के सामने रूकवा लिया। टीम ने उनकी कार से अंग्रेजी शराब की दो पेटी भी बरामद की। कार में मिले अजय व उनके एडवोकेट भाई हेमंत सिंह से थाने में पूछताछ की गई। उनके पास शराब के अलावा 47 हजार की नकदी भी मिली। बस्सी संवाददाता के अनुसार कानोता थाना पुलिस ने अवैध शराब का मामला दर्ज कर अजय के भाई को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीपी टीम अजय को लेकर अजमेर रवाना हो गई।
यह है मामला
पीडित भवानीसिंह विश्नोई ने जयपुर एसीबी को शिकायत दी कि 5 जनवरी 2012 को क्रिश्चियन गंज थाने में नसीराबाद न्यारां निवासी कमलेश ने एमबीडी कम्पनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अनुसंधान अधिकारी एएसपी अजय सिंह ने एएसआई प्रेमसिंह के जरिए इस मामले में उससे दो लाख रूपए की रिश्वत मांगी। उसने बताया कि वह कम्पनी में डाउन लाइन में प्रायोजक था। इसके बदले वर्ष 2009 में एमबीडी के संचालक मंडल ने उसे उपहार में एक कार दी।
उसने वर्ष 2010 में वह कार बेच दी। मामला दर्ज होने के बाद एएसपी अजय सिंह ने अपने रीडर एएसआई प्रेमसिंह के जरिए उस पर कार बरामदगी का दबाव बनाया। कार के बदले दो लाख रूपए की मांग की गई। दो लाख की बड़ी रकम के बदले 1.5 लाख रूपए में प्रेमसिंह से सौदा तय हुआ।
ठिकानों की तलाशी
अजय सिंह को पकड़ने के साथ ही टीम ने कामां (भरतपुर) स्थित उनके पैतृक निवासी की भी तलाशी ली। श्याम नगर स्थित फ्लैट की तलाशी लेने पहंुची पुलिस को वहां ताला मिला। अजमेर पहंुचने के बाद अजय सिंह की मौजूदगी में लोहाखान स्थित उनके आवास की तलाशी ली गई।
एसीबी ने जाल बिछाकर प्रेम सिंह को रामगंज थाने में एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा जबकि 2009 बैच के आईपीएस अजय सिंह को नाकाबंदी करके जयपुर के निकट कानोता थाने के सामने पकड़ा गया। उनके कब्जे से अंग्रेजी शराब की दो पेटी भी बरामद की गई हैं। आईपीएस को एसीबी पूछताछ के लिए अजमेर ले गई। एएसआई के कब्जे से एक लैपटॉप और कार बरामद की गई है। उधर, अवैध रूप से मिली शराब के मामले में कानोता पुलिस ने आईपीएस के साथ कार में बैठे भाई को गिरफ्तार कर लिया है।
थाने में पकड़ा गया एएसआई
ब्यूरो के महानिरीक्षक उमेश मिश्र ने बताया कि आईपीएस अजय सिंह और एएसआई प्रेम सिंह ने मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनी "मार्स बिल्ड होम डवलपर्स" के एजेन्ट बिलाड़ा (जोधपुर) निवासी भवानी सिंह विश्नोई को उपहार में मिली कार के मामले में पिछले दिनों दबाव बनाना शुरू किया। मामले में उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए दो लाख रूपए की रिश्वत मांगी गई।
विश्नोई ने इसकी शिकायत एसीबी से की। सत्यापन के दौरान सौदा एक लाख रूपए में तय हो गया। प्रेम सिंह ने विश्नोई को रकम लेकर रामगंज थाने बुलाया। एएसआई के रिश्वत हाथ में लेते ही एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी के नेतृत्व वाली टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। एएसआई ने एएसपी अजय सिंह के आदेश पर पैसे लेना कबूला। इस बीच अजय सिंह छुट्टी लेकर जयपुर रवाना हो गए।
नाकाबंदी में आईपीएस को दबोचा
एएसपी अजय सिंह की धरपकड़ के लिए एसीबी ने अजमेर से जयपुर और भरतपुर तक हर रास्ते पर नाकाबंदी लगाकर तलाश की। एएसआई ने उनके एक निजी कार में रवाना होने की जानकारी दी। एसीबी की टीम ने अजय सिंह को कानोता थाने के सामने रूकवा लिया। टीम ने उनकी कार से अंग्रेजी शराब की दो पेटी भी बरामद की। कार में मिले अजय व उनके एडवोकेट भाई हेमंत सिंह से थाने में पूछताछ की गई। उनके पास शराब के अलावा 47 हजार की नकदी भी मिली। बस्सी संवाददाता के अनुसार कानोता थाना पुलिस ने अवैध शराब का मामला दर्ज कर अजय के भाई को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीपी टीम अजय को लेकर अजमेर रवाना हो गई।
यह है मामला
पीडित भवानीसिंह विश्नोई ने जयपुर एसीबी को शिकायत दी कि 5 जनवरी 2012 को क्रिश्चियन गंज थाने में नसीराबाद न्यारां निवासी कमलेश ने एमबीडी कम्पनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अनुसंधान अधिकारी एएसपी अजय सिंह ने एएसआई प्रेमसिंह के जरिए इस मामले में उससे दो लाख रूपए की रिश्वत मांगी। उसने बताया कि वह कम्पनी में डाउन लाइन में प्रायोजक था। इसके बदले वर्ष 2009 में एमबीडी के संचालक मंडल ने उसे उपहार में एक कार दी।
उसने वर्ष 2010 में वह कार बेच दी। मामला दर्ज होने के बाद एएसपी अजय सिंह ने अपने रीडर एएसआई प्रेमसिंह के जरिए उस पर कार बरामदगी का दबाव बनाया। कार के बदले दो लाख रूपए की मांग की गई। दो लाख की बड़ी रकम के बदले 1.5 लाख रूपए में प्रेमसिंह से सौदा तय हुआ।
ठिकानों की तलाशी
अजय सिंह को पकड़ने के साथ ही टीम ने कामां (भरतपुर) स्थित उनके पैतृक निवासी की भी तलाशी ली। श्याम नगर स्थित फ्लैट की तलाशी लेने पहंुची पुलिस को वहां ताला मिला। अजमेर पहंुचने के बाद अजय सिंह की मौजूदगी में लोहाखान स्थित उनके आवास की तलाशी ली गई।
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