शुक्रवार, 29 जून 2012

बिना आईडी प्रूफ के नहीं मिलेगा ट्रेन में रिजर्वेशन!



नई दिल्‍ली.ट्रेन टिकट रिजर्वेशन की तत्‍काल स्‍कीम पर एक तरह से दलालों का कब्‍जा हो गया है। इसे लेकर हाल में मीडिया में काफी खबरें प्रकाशित हुई हैं।
 


शुक्रवार को हुई रेलवे बोर्ड की बैठक के बाद रेलवे ने तत्काल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले दलालों पर शिकंजा करने के लिए नए नियम बनाने की घोषणा की।





भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट और एडवांस टिकट बुकिंग की टाइमिंग को अलग-अलग करने का फैसला लिया है। अब सुबह आठ बजे रेलवे बुकिंग काउंटर पर सिर्फ तत्काल टिकट ही बुक कराए जा सकेंगे।





यही नहीं रेलवे बोर्ड ने टिकट काउंटरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और विशेष जांच टीम बनाकर तत्काल टिकटों की कालाबाजारी की जांच करने का भी फैसला लिया है।





यही नहीं टिकट बुकिंग फार्म में गलत जानकारी देने पर भी टिकट रद्द कर दिया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने उन अधिकारियों की भी जांच का फैसला लिया है जो लंबे वक्त से एक ही काउंटर पर जमे हैं। तत्काल टिकट बुकिंग के वक्त रेलवे अधिकारियों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी होगी।





गोरखधंधा रोकने के लिए रेलवे तत्‍काल स्‍कीम के तहत टिकट कटाने वाले यात्रियों से बुकिंग के समय ही पहचान पत्र मांगेगा और अचानक यात्रा का कारण भी पूछा जाएगा। अभी उसी व्‍यक्ति का पहचान पत्र मांगा जाता है जो यात्रा करने वाला होता है। लेकिन विचार है कि टिकट कटाने वाले व्‍यक्ति से भी आईडी प्रूफ मांगा जाएगा।




रेल मंत्रालय तत्काल टिकट के लिए अलग काउंटर खोलने, ई-टिकटिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव करने, नेट फ्रॉड रोकने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद लेने जैसे फैसले भी लिए हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल ने बोर्ड के सभी सदस्यों और आइआरसीटीसी व उत्तर रेलवे के सीनियर अफसरों के साथ बैठक कर इस पर विचार किया है। बैठक में तत्काल काउंटरों पर कैमरे लगा कर टिकट खरीदने वालों का फोटो कैप्चर करने का भी फैसला हुआ है। ...ऐसा किया जा चुका है





रेलवे सुबह आठ से दस बजे तक एजेंटों के लिए ऑनलाइन बुकिंग बंद करने, नेट पर एक फॉर्म पर दो और काउंटर पर चार से ज्यादा लोगों की तत्‍काल बुकिंग स्वीकार नहीं करने, बुकिंग के बाद यात्रियों के नाम बदलने की इजाजत नहीं देने, तत्‍काल टिकट कैंसल कराने के नियम कड़े करने जैसे कुछ कदम उठाए थे। वेबसाइट पर ज्‍यादा लोड से निपटने के लिए आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर बैंडविड्थ को 244 एमबीपीएस से बढ़ाकर 450 एमबीपीएस किया गया। नेट पर 'प्लान माई ट्रैवल' के तहत कैप्टेका तकनीक को लागू किया गया। आठ से नौ बजे सुबह के दौरान 'क्विक बुकिंग ऑप्शन' बंद कर दिया गया। एक यूजर आइडी पर एक ही बार बुकिंग की व्‍यवस्‍था की गई। पर ये उपाय बेअसर साबित हुए हैं।
एक नजर में
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रोजाना 3.5 लाख टिकट बुक होती है।
इसमें 1.5 लाख टिकट तत्‍काल की होती है।
सुबह 8 से 10 बजे के बीच 30 लाख लोग साइट पर आते हैं।
रेलवे की कुल टिकट बुकिंग में 45 % टिकट साइट के जरिए बुक होती है।
इस साल की गई कार्रवाई
अब तक 1502 लोग प्राक्‍सी टिकट में पकड़ाए।
100 अवैध दलाल पकड़ाए।
215 रेलवे कर्मचारी पकड़ में आए।
23 अवैध ट्रेवल एजेंट शिकंजे में आए।
648 दलाल टिकट बनवाते पकड़े गए

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