बाड़मेर के जिस नेता का सीडी कांड में नाम आया है उससे मामला बहुत गंभीर है। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब महिपाल और मलखान के मामले में सरकार ने चंद घंटों में ही सीबीआई जांच का फैसला कर लिया तो इस मामले में दोहरे मापदंड क्यों अपनाए जा रहे हैं?
सोना राम ने कहा, महिपाल व मलखान का मामला और बाड़मेर के मामले की प्रकृति अलग है, लेकिन मामला गंभीर है। व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है, पार्टी महत्वपूर्ण है। पूरे मामले में कांग्रेस की ही छवि खराब हो रही है। बाड़मेर के लोग बहुत अच्छे हैं लेकिन वहां के कुछ जनप्रतिनिधि हैं वे बहुत घटिया दर्जे के हैं। हमारे प्रदेश नेतृत्व ने ऐसे नेताओं को आगे बढ़ा रखा है। मीडिया के जरिए यह भी पढऩे और सुनने को मिला है कि बाड़मेर के कुछ नेता राजस्थान हाउस में जाते हैं और वहां रंगरेलियां मनाते हैं।
कर्नल ने कहा कि जिस नेता ने बाड़मेर सीडी कांड को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है, वह कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता भी नहीं रहा। यह जब नगरपालिका चेयरमैन था तो पांच साल बाद कांग्रेस के 35 में से 4 वार्ड ही आए थे। पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण इस नेता को कांग्रेस से छह साल के लिए निकाला भी जा चुका है।
सोना राम ने कहा, महिपाल व मलखान का मामला और बाड़मेर के मामले की प्रकृति अलग है, लेकिन मामला गंभीर है। व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है, पार्टी महत्वपूर्ण है। पूरे मामले में कांग्रेस की ही छवि खराब हो रही है। बाड़मेर के लोग बहुत अच्छे हैं लेकिन वहां के कुछ जनप्रतिनिधि हैं वे बहुत घटिया दर्जे के हैं। हमारे प्रदेश नेतृत्व ने ऐसे नेताओं को आगे बढ़ा रखा है। मीडिया के जरिए यह भी पढऩे और सुनने को मिला है कि बाड़मेर के कुछ नेता राजस्थान हाउस में जाते हैं और वहां रंगरेलियां मनाते हैं।
कर्नल ने कहा कि जिस नेता ने बाड़मेर सीडी कांड को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है, वह कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता भी नहीं रहा। यह जब नगरपालिका चेयरमैन था तो पांच साल बाद कांग्रेस के 35 में से 4 वार्ड ही आए थे। पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण इस नेता को कांग्रेस से छह साल के लिए निकाला भी जा चुका है।
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