आओ बचाए जल , जंगल और जमीन : शम्मा खान
देश को आजादी मिलने के समय मध्यप्रदेश में जमीन के अंदर भूजल १५ फीट की गहराई पर मिल जाता था । जनसंख्या बढ़ने तथा खेती और उद्योगों के विस्तार के कारण जमीन के पानी का अत्यधिक दोहन प्रारंभ हुआ । इससे तेजी से हालात बिगडे और कई नदियों का अस्तित्व संकट में आ गया । प्रदेश सरकार ने चयनित नदियों के १५-२० किलोमीटर के क्षेत्र में नदी उपचार कार्य करने का तय किया है । इनमें नदियों के जलागम क्षेत्र में कन्ट्ररट्रेंच, परकोलेशन टैंक, तालाब, मेढ़बंधान, मृदा बांध, स्टापडेम, पहाड़ पठार पर गली प्लग जैसी संरचना बनाई रही है , इसके अलावा पौधारोपण भी किया जा रहा है । हमे सरकार की ईन योजनाओ में ना केवल भागीदारी करनी चाहिए साथ ही इसकी सफलता के लिए अपना साथ देना चाहिए यह कहना हें चोहटन प्रधान शम्मा खान का . प्रधान चोहटन ऩे अपने यह विचार स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के विश्व पर्यावरण सप्ताह के समापन और पुरुस्कार समारोह में बतोर मुख्य अतिथि के तोर पर कही . चोहटन प्रधान ऩे कहा कि कम आबादी के कारण प्राचीन भारत वन बाहुल्य था । भारतीय संस्कृति में वनस्पति को सजीव माना है, जिस कारण हमारी संस्कृति में वृक्षों और वनों को संरक्षण दिया गया है । इसीलिए प्राचीन भारत देश का ५० प्रतिशत से अधिक भू-भाग हमेशा वनाच्छादित रहा है । हरे-भरे वनों के कारण ही इस देश में भरपूर वर्षा होती थी, बारहमासी नदी-नाले और झरने पूरे देश में मौजूद थे, भू-जल का कोई अभाव नहीं था, जिस कारण भरपूर कृषि उत्पादन होता था। कृषि एवं वन क्षेत्रों में पशुआें के लिए पर्याप्त् चारा उपलब्ध होने के कारण दूध-दही का भी भरपूर उत्पादन होता था । शायद यही कारण था कि प्राचीन भारत में दूध-दही की नदियां बहने की कहावत चरितार्थ हुई । आज से ५० साल पूर्व तक भी खेती को ही उत्तम कर्म माना जाता था। हरियाणा और पंजाब जैसे कृषि प्रधान प्रांतों में वन भूमि नहीं के बराबर है, क्योंकि यहां बहुत पहले वनों का सफाया करके वन भूमि को कृषि भूमि में बदल लिया गया है । आज जिन प्रांतों में वन बचे हैं, वहां बढ़ती आबादी एवं निजी तथा राजस्व भूमि की अनुपलब्धता के कारण वन भूमि पर लोगों की गिद्धदृष्टि हमेशा बनी रहती है । सी सी डी यू के आई ई सी कंसलटेंट अशोक सिंह ऩे बताया कि स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कि तरफ से विश्व पर्यावरण सप्ताह का समापन समारोह आयोजित किया गया . इस मोके जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साहयक अभियंता सुनील राजवंशी के कहा की ग्लोबल वार्मिंग के लिए उतरदायी गैसों के उत्सर्जन में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो रही है । संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) के जलवायु विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने बताया कि एंडीज, अलास्का और द. पैसेफिक में स्थित मौसम केन्द्रों (वेदर स्टेशन) से जमा डाटा से साफ है कि यह बढ़ोतरी रिकॉर्ड लेवल से हो रही है । विश्व मौसम विज्ञान केन्द्र (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार हवा में मौजूद हीट ट्रैपिंग कार्बन डाइऑक्साइड के कण १७५० के बाद अभी सबसे ज्यादा ३९ प्रतिशत की मात्रा में मौजूद है ।उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के दूरगामी प्रभावों को अंदाज कर यूएन (संयुक्त राष्ट्र संघ) अपने सदस्य देशों के सहयोग से यूएन फ्रेमवर्क कंवेन्शन्स ऑन क्लाइमेट चेज के तत्वाधान में वैशिवक सम्मेलनों के जरिए इसके उपाय ढूंढने की कोशिश में लगी है । हालांकि सम्मेलनों के मुद्दे राजनैतिक फायदे के कारण अमल में कम ही लाए जा रहे है और यह समस्या विश्व समुदाय के लिए अधिक भयावह होता चली जा रही है । वही बच्चों को वंदना गुप्ता , मुकेस व्यास , मुख्त्यार खिलजी ऩे सम्बोधित किया . इस मोके पर प्रीटी तातेड , दीपिका मालू , पूजा मालू और निकिता सोनी ऩे अपने काव्य अंदाज में पर्यावरण कि महता बताई .
ये रहे इनामो के हकदार ... स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कि तरफ से विश्व पर्यावरण सप्ताह के समापन समारोह में मुख्य अतिथि शम्मा खान , जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साहयक अभियंता सुनील राजवंशी , सी सी डी यू के आई ई सी कंसलटेंट अशोक सिंह ऩे बीते सप्ताह भर में आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजेताओ को इनामो से नवाजा . निबंध प्रतियागिता में पहले स्थान पर मुमताज बानो , दुसरे स्थान पर नेहा सिहल , भाषण प्रतियागिता में पहले स्थान पर दीपिका मालू , दुसरे स्थान पर दीपिका भंसाली , कविता प्रतियागिता में पहले स्थान पर मनीष कुमार , दुसरे स्थान पर निकिता सोनी , चित्रकला प्रतियागिता सीनियर वर्ग में पहले स्थान पर उषा , दुसरे स्थान पर दिव्या , चित्रकला प्रतियागिता जूनियर वर्ग प्रतियागिता में पहले स्थान पर पायल भूतड़ा , दुसरे स्थान पर दीपिका सोनी रहे जिन्हें इनामो से नवाजा गया . विश्व पर्यावरण सप्ताह के आयोजन और पुरुष्कारो कि व्यवस्था सी सी डी यू कि बाड़मेर इकाई द्वारा किया गया .
ये रहे इनामो के हकदार ... स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कि तरफ से विश्व पर्यावरण सप्ताह के समापन समारोह में मुख्य अतिथि शम्मा खान , जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साहयक अभियंता सुनील राजवंशी , सी सी डी यू के आई ई सी कंसलटेंट अशोक सिंह ऩे बीते सप्ताह भर में आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजेताओ को इनामो से नवाजा . निबंध प्रतियागिता में पहले स्थान पर मुमताज बानो , दुसरे स्थान पर नेहा सिहल , भाषण प्रतियागिता में पहले स्थान पर दीपिका मालू , दुसरे स्थान पर दीपिका भंसाली , कविता प्रतियागिता में पहले स्थान पर मनीष कुमार , दुसरे स्थान पर निकिता सोनी , चित्रकला प्रतियागिता सीनियर वर्ग में पहले स्थान पर उषा , दुसरे स्थान पर दिव्या , चित्रकला प्रतियागिता जूनियर वर्ग प्रतियागिता में पहले स्थान पर पायल भूतड़ा , दुसरे स्थान पर दीपिका सोनी रहे जिन्हें इनामो से नवाजा गया . विश्व पर्यावरण सप्ताह के आयोजन और पुरुष्कारो कि व्यवस्था सी सी डी यू कि बाड़मेर इकाई द्वारा किया गया .
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