बीकानेर ऊंटों का देश
बीकानेर को'ऊंटों का देश'भी कहते हैं। यह पूरे विश्व में ऊंटों की सवारी करने के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर अपने जीवंत अतीत तथा राजपुतों के स्वर्णिम वीरगाथा के लिए भी जाना जाता है। यह शहर राजशाही महलों तथा किलाओं के लिए भी अपनी अलग पहचान रखता है। यह शहर सात के.एम.लंबी दीवाल तथा पांच गेटों से चाक-चौबंद है। यहां का किला लाल और गुलाबी रंग के बेहतरीन पत्थरों से निर्मित है,जो अपने आप में समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक संपदा को समेटे हुए है। बीकानेर न केवल राजस्थान में वरन पूरे भारत तथा देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
जूनागढ़ का किला
इस किले का निर्माण राय सिंह ने 1588 से 1593 के बीच किया था। इस किले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवाल के साथ 37 सुरक्षा चौकियां भी हैं। इसके चारों ओर दो प्रवेशद्वार के साथ किले की सुरक्षा के लिए गहरी खाईयों का भी निर्माण किया गया है। यह किला समुद्र तल से 700 फीट ऊपर है। इतनी ऊंचाई पर होने के कारण इस किले की टावर शहर के किसी भी हिस्से से दिखाई दे जाता है। यह किला और इसकी महलें पाषाण के खुबसूरत नक्काशी का एक बेहतरीन नमूना है।
इस किला के अंदर अनेक खुबसूरत महलें भी हैं। इनमें से अनूप महल,दिवान-ए-खास,हवा महल,बादल महल,चंद्र महल,फूल महल,रंग महल,दुंगर महल और गंगा महल आदि प्रमुख हैं। चंद्रमहल बेहतरीन भित्तिचित्र का नमूना है। जबकि शीशा जडित फूल महल की दिवारें खुद में खुबसूरती का एक मिशाल है। लालगढ़ का महल
इस महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता की याद में बीकानेर शहर से तीन के.एम.उत्तर में बनावाया था। इस खुबसूरत महल की डिजाइन सर स्वींटन जैकब ने तैयार किया था। इसकी खास विशेषता यह है कि इसके बुर्जों का निर्माण इस प्रकार किया गया है मानो वह हवा में झूल रहा हो। इसमें प्रयुक्त जाली की शैली भी विशेष है। इस महल में प्रवेश करते ही मोर और बौगुनीविला शैलानियों के आगमन का रोमांचपूर्ण तरीके से स्वागत करता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने इस महल के एक हिस्से को होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया है।
गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय
यह संग्रहालय राजस्थान के सबसे बेहतरीन संग्रहालयों में से एक है। इस संग्रहालय में मिट्टी के पके हुए बर्तन,शस्त्र, बीकानेर घराने की मिनीएचर पेंटिंग्स और कुछ ऐसे सिक्के भी संरक्षित हैं जो हड़प्पा सभ्यता और गुप्त तथा कुषाण काल के माने जाते हैं।
राज रतन बिहारी और रसिक शिरोमणी मंदिर
यह दोनों मंदिर रतन बिहारी पार्क में केम रोड के उत्तरी हिस्से में अवस्थित है। इसका निर्माण 19वीं शदी में रतन शिंगूजी और सरदार सिंगूजी ने किया था। इसकी शैली हवेलीनुमा है,जो लाल बालूका पत्थर से निर्मित है।
बीकानेर को'ऊंटों का देश'भी कहते हैं। यह पूरे विश्व में ऊंटों की सवारी करने के लिए प्रसिद्ध है। बीकानेर अपने जीवंत अतीत तथा राजपुतों के स्वर्णिम वीरगाथा के लिए भी जाना जाता है। यह शहर राजशाही महलों तथा किलाओं के लिए भी अपनी अलग पहचान रखता है। यह शहर सात के.एम.लंबी दीवाल तथा पांच गेटों से चाक-चौबंद है। यहां का किला लाल और गुलाबी रंग के बेहतरीन पत्थरों से निर्मित है,जो अपने आप में समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक संपदा को समेटे हुए है। बीकानेर न केवल राजस्थान में वरन पूरे भारत तथा देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
जूनागढ़ का किला
इस किले का निर्माण राय सिंह ने 1588 से 1593 के बीच किया था। इस किले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवाल के साथ 37 सुरक्षा चौकियां भी हैं। इसके चारों ओर दो प्रवेशद्वार के साथ किले की सुरक्षा के लिए गहरी खाईयों का भी निर्माण किया गया है। यह किला समुद्र तल से 700 फीट ऊपर है। इतनी ऊंचाई पर होने के कारण इस किले की टावर शहर के किसी भी हिस्से से दिखाई दे जाता है। यह किला और इसकी महलें पाषाण के खुबसूरत नक्काशी का एक बेहतरीन नमूना है।
इस किला के अंदर अनेक खुबसूरत महलें भी हैं। इनमें से अनूप महल,दिवान-ए-खास,हवा महल,बादल महल,चंद्र महल,फूल महल,रंग महल,दुंगर महल और गंगा महल आदि प्रमुख हैं। चंद्रमहल बेहतरीन भित्तिचित्र का नमूना है। जबकि शीशा जडित फूल महल की दिवारें खुद में खुबसूरती का एक मिशाल है। लालगढ़ का महल
इस महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता की याद में बीकानेर शहर से तीन के.एम.उत्तर में बनावाया था। इस खुबसूरत महल की डिजाइन सर स्वींटन जैकब ने तैयार किया था। इसकी खास विशेषता यह है कि इसके बुर्जों का निर्माण इस प्रकार किया गया है मानो वह हवा में झूल रहा हो। इसमें प्रयुक्त जाली की शैली भी विशेष है। इस महल में प्रवेश करते ही मोर और बौगुनीविला शैलानियों के आगमन का रोमांचपूर्ण तरीके से स्वागत करता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने इस महल के एक हिस्से को होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया है।
गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय
यह संग्रहालय राजस्थान के सबसे बेहतरीन संग्रहालयों में से एक है। इस संग्रहालय में मिट्टी के पके हुए बर्तन,शस्त्र, बीकानेर घराने की मिनीएचर पेंटिंग्स और कुछ ऐसे सिक्के भी संरक्षित हैं जो हड़प्पा सभ्यता और गुप्त तथा कुषाण काल के माने जाते हैं।
राज रतन बिहारी और रसिक शिरोमणी मंदिर
यह दोनों मंदिर रतन बिहारी पार्क में केम रोड के उत्तरी हिस्से में अवस्थित है। इसका निर्माण 19वीं शदी में रतन शिंगूजी और सरदार सिंगूजी ने किया था। इसकी शैली हवेलीनुमा है,जो लाल बालूका पत्थर से निर्मित है।
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