शुक्रवार, 8 जून 2012

मशहूर कलाकार, स्थायी मरुश्री लक्ष्मीनारायण बिस्सा का निधन पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन


मशहूर कलाकारस्थायी मरुश्री लक्ष्मीनारायण बिस्सा का निधन
पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन
       जैसलमेर, 8 जून/जाने-माने संगीतज्ञ एवं रम्मत के मशहूर कलाकारमरु महोत्सव में बरसों तक लगातार मरुश्री का खिताब जीतने वाले स्थायी मरुश्री के रूप में स्थापित लक्ष्मीनारायण बिस्सा का शुक्रवार को निधन हो गया। वे लगभग 54 वर्ष के थे। उनके निधन से पश्चिमी राजस्थान ने एक बेहतरीन कलाकार खो दिया है। बिस्सा के निधन का समाचार पाकर संस्कृति जगत में शोक की लहर छा गई है।
    Photo: जैसलमेर
 की पहचान मशहुर मिस्टर डेजर्ट लक्ष्मीनारायण बिस्सा(लिछु भा) अब हमारे बीच 
नहीँ रहे। भगवान से प्रार्थना करते हैँ उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करेँ।   देश-दुनिया में अपने आकर्षक व्यक्तित्व की वजह से मशहूर कलाकार लक्ष्मीनारायण बिस्सा पिछले काफी समय से गले तथा फेफड़ों के कैंसर से संघर्ष कर रहे थे। शुक्रवार को तड़के चार बजे उन्होंने अंतिम साँस ली।
       बिस्सा का अंतिम संस्कार जैसलमेर की व्यास छतरी स्थित पुष्करणा ब्राह्मणों के श्मशान घाट पर पूरे विधि-विधान से किया गया। उनके पुत्र अनिरूद्ध ने मुखाग्नि दी।
       शवयात्रा में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियोंसाहित्यकारोंव्यवसायियोंकलाकारोें के साथ ही जैसलमेर के गणमान्य नागरिकों एवं समाजजनों ने हिस्सा लिया और नम आँखों से अंतिम विदाई दी।
---000---
सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त एसएस बिस्सा ने संवेदना व्यक्त की
       जैसलमेर, 8 जून/सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त श्यामसुन्दर बिस्सा ने स्थायी मरुश्री,रम्मत के मशहूर कलाकार एवं संगीतज्ञ लक्ष्मीनारायण बिस्सा के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
       सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त ने कहा है कि एल.एन. बिस्सा का राजस्थानी संस्कृति से गहरा लगाव था तथा मरु संस्कृति और परंपराओं के प्रचार-प्रचार में उन्होंने सदैव उल्लेखनीय योगदान दिया है।
       बिस्सा ने कहा है कि जैसलमेर के पर्यटन विकास में उनकी भूमिका सराहनीय एवं प्रेरक रही है। उनके व्यक्तित्व के हर पहलू में जनसंस्कृति झलकती थी। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के मरु महोत्सव में स्थायी मरुश्री के रूप में उनकी उत्कृष्ट भागीदारी ने बिस्सा को देश और दुनिया में अनूठी पहचान दी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें