शुक्रवार, 22 जून 2012

हुस्न के जाल में फंसा लड़कों को लूट रही हैं लुटेरी दुल्हनें



उदयपुर। लड़कों की शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं। इसका फायदा शादी के नाम से ठगी करने वाले गिरोह उठा रहे हैं।
 


इसके चलते शादी कर ठगी करने वाला गिरोह क्षेत्र में सक्रिय हो रहा है। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अपने लड़कों की शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे परिवार गिरोह की ठगी का शिकार बने हैं। पुलिस अफसर भी मानते हैं कि इस तरह के मामलों के पीछे लिंगानुपात में लड़कियों की कम होती संख्या है।



दयनीय स्थिति बताकर तय होती है राशि : रिश्ता तय होने से पहले ही लड़की पक्ष के लोग लड़का पक्ष के सामने अपनी बेहद दयनीय स्थिति बताते हैं। इसके बाद यह बात स्पष्ट की जाती है कि रिश्ता करने के लिए रुपए देने होंगे। राशि डेढ़ से दो लाख तय होती है। रुपए लेने के बाद ही शादी होती है।



निश्चित समुदाय हैं निशाने पर : इस प्रकार के गिरोह के निशाने पर इस समय निश्चित समुदाय निशाने पर हैं। गिरोह क्षेत्र के उन परिवारों को निशाना बनाते हैं, जहां पर अधिक उम्र के ऐसे लड़के हों, जिनकी शादी नहीं हुई हो। लड़की की तलाश में लगे परिवार रिश्ता आते ही शादी के लिए तैयार हो जाते हैं।



॥ ऐसे मामलों में पीड़ित मामला दर्ज कराएं। आरोपियों की पकड़ के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। हरिप्रसाद शर्मा, एसपी, उदयपुर।



मार्च में कांकरोली निवासी नरेन्द्र डागलिया के बेटे राकेश की इंदौर की निधि नाम की लड़की से शादी हुई। तय बात के अनुसार शादी से पहले लड़के पक्ष ने लड़की पक्ष को डेढ़ लाख रुपए दिए। शादी होने के दस दिनों तक विभिन्न रस्मों के बहाने गई लड़की फिर वापस नहीं आई।



अप्रैल में सायरा निवासी मोहन लाल के बेटे नरेश जैन की इंदौर निवासी लड़की से शादी हुई। लड़की पक्ष ने लड़के पक्ष से खुद की दयनीय स्थिति बताकर डेढ़ से दो लाख रुपए देने को कहा। रुपए लेने के बाद शादी हुई। लड़की 15 दिन रही और फिर पीहर जाने के बहाने गई और वापस नहीं आई।



मई में गोगुंदा निवासी वेणीराम के बेटे प्रकाश के साथ इंदौर निवासी लड़की आरती का विवाह हुआ। लड़की पक्ष ने लड़का पक्ष से दो लाख की मांग की। एक लाख अस्सी हजार देने के बाद शादी हुई। एक सप्ताह के बाद आरती किसी बहाने से घर से गई और फिर वापस नहीं आई।

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