सुहाग की मेहंदी पर चढ़ा लिया पति के खून का रंग
नागौरलूणसरा (पीहर) व मातासुख(ससुराल) के लोग तो समझ रहे थे दुर्गा सुहाग की मेहंदी लगाकर अरमानों में खोई होगी। मगर किसी को यह मालूम नहीं था कि सुहाग की मेहंदी हाथों में रचाने वाली दुर्गा शादी के कुछ दिनों बाद ही अपने पति के खून के आरोप में अपने हाथ लाल कर लेगी। सवाई सिंह की हत्या से मातासुख व लूणसरा से लेकर कई गांवों में शोक की लहर है तो घर घर में इस घटना को लेकर चर्चा भी है।
3 मई को मेवाराम के इकलौते पुत्र सवाई सिंह की शादी लूणसरा की दुर्गा से हुई थी। शादी के बाद सवाई सिंह शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी करने गांव से नागौर शहर आ गया और उसकी पत्नी पीहर लूणसरा चली गई। वहां जाने के बाद दुर्गा ने प्रेमी सियाराम जाट से बात की और मना कर दिया कि वह अपने पति के पास नहीं जाएगी।
प्रेमी सियाराम को उसने यह बात पति तक पहुंचाने के लिए 28 मई को नागौर भेजा। सियाराम अपने दोस्त महेश के साथ कैंपर लेकर नागौर पहुंचा।
3 मई को मेवाराम के इकलौते पुत्र सवाई सिंह की शादी लूणसरा की दुर्गा से हुई थी। शादी के बाद सवाई सिंह शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी करने गांव से नागौर शहर आ गया और उसकी पत्नी पीहर लूणसरा चली गई। वहां जाने के बाद दुर्गा ने प्रेमी सियाराम जाट से बात की और मना कर दिया कि वह अपने पति के पास नहीं जाएगी।
प्रेमी सियाराम को उसने यह बात पति तक पहुंचाने के लिए 28 मई को नागौर भेजा। सियाराम अपने दोस्त महेश के साथ कैंपर लेकर नागौर पहुंचा।
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