शुक्रवार, 15 जून 2012

प्रणब के नाम पर यूपीए की मुहर

प्रणब के नाम पर यूपीए की मुहर

नई दिल्ली। राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम का अधिकारिक रूप से यूपीए ने ऎलान कर दिया। खुद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके नाम की घोषणा कर राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कई दिन से जारी सस्पेंस से पर्दा हटा दिया।

इससे पहले उनके नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए प्रधानमंत्री के निवास पर कांग्रेस संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की बैठक हुई। इस बैठक में सिर्फ केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम पर ही चर्चा हुई और इसी नाम पर मुहर लगा दी गई। ऎसा माना जा रहा है कि प्रणव 25 जून को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनने के लिए 5 लाख 50 हजार वोट चाहिए, सपा और बसपा का समर्थन के बाद उनके पास 5 लाख 70 हजार वोट हो गए हैं। इससे उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है।

प्रणब ने कहा सबको शुक्रिया

यूपीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद प्रणब मुखर्जी ने पार्टी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा हमने सबसे समरथन मांगा है, विपक्ष से भी अपील की है। ममता तो छोटी बहन जैसी हैं। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें कई तरह की जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी के सभी नेताओं का शुक्रिया अदा किया। यह पूछने पर कि वह सरकार के संकटमोचक रहे हैं अब आगे सरकार का क्या होगा, मुखर्जी ने कहा कि सारा ज्ञान और विशेषज्ञता उन्हें अपने पास होने का गुरूर नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद जाने माने अर्थशास्त्री हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी अगुवाई में इस अस्थाई आर्थिक संकट से पार पा लिया जाएगा। अगले वित्त मंत्री के बारे में उन्होंने कहा कि यह फैसला तो प्रधानमंत्री को करना है। नए पद की चुनौतियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले उन्हें चुनाव तो जीतने दीजिए, जब वह राष्ट्रपति बन जाएंगे तो इस सवाल का जवाब दे पाएंगे।



सोनिया ने विपक्ष से भी मांगा समर्थन

बाद में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि जितने नामों पर विचार किया गया उनमें प्रणब मुखर्जी सबसे बेहतर थे। प्रणब की योग्यता, ज्ञान और अनुभव का सभी सम्मान करते हैं। यूपीए वन और टू में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रणब के नाम पर खुद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे भी समर्थन करें। द्विवेदी ने समाजवादी पार्टी का समर्थन मिलने को लेकर उठ रहे प्रश्नों पर विराम लगाते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव ने प्रणब के नाम पर सहमति जता दी है। द्विवेदी ने कहा कि सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से भी प्रणब के नाम पर सहमति बनाने की अपील की है।


एनडीए की "वेट एंड वाच" की नीति

उधर, राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर एनडीए की बैठक हुई लेकिन इसमें राष्ट्रपति पद के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई। लेकिन कलाम के नाम पर उसने इनकार भी नहीं किया है। कलाम के पास फिलहाल 4 लाख 25 हजार वोट है। उन्हें 1 लाख 25 हजार वोटों की जरूरत है। बैठक के बाद आडवाणी ने कहा है कि एनडीए राष्ट्रपति चुनाव पर जारी घटनाक्रम पर गहरी नजर रखेगी और दोबारा एक बैठक करेगी जिसमें चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि वे अन्य गैरकांग्रेसी दलों के नेताओं के साथ बराबर सम्पर्क में रहेंगे।


ममता दूर, सपा पार लगाएगी नैया

यूपीए ने प्रणब मुखर्जी का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में तय कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की समाजवादी पार्टी से डील हो गई है। सपा प्रणव को समर्थन देने को तैयार है। बसपा भी प्रणव को ही समर्थन देगी। सपा ने यह कहकर पहले ही प्रणव की उम्मीदवारी के समर्थन के संकेत दिए थे कि कलाम सिर्फ ममता बनर्जी की पसंद है।

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