चितौडग़ढ़ जिले के तहत भदेसर के उपखंड अधिकारी को एक युवती को नारी निकेतन भेजने का आदेश महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट के अवकाशकालीन न्यायाधीश संदीप मेहता ने इस मामले में चितौडग़ढ़ जिला कलेक्टर को उपखंड अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए।
मामले के अनुसार भदेसर निवासी प्रार्थिया के पिता ने जूली के बालविवाह को नकारते हुए जूली का नाता अशोक नामक व्यक्ति के साथ कर दिया था। लेकिन जूली अपने प्रेमी अनिल के साथ घर से भाग गई। इस पर अशोक ने एक जून 2012 को भदेसर पुलिस थाने में जूली की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, इस पर पुलिस ने अनिल व जूली को पकड़ कर भदेसर उपखंड अधिकारी के सामने पेश किया।
यहां 21 वर्षीय जूली ने अशोक की बजाय अपने प्रेमी अनिल के साथ रहने की मंशा जताई। लेकिन उपखंड अधिकारी ने बजाय जूली को अपनी मर्जी के व्यक्ति के साथ जाने देने की बजाय उसे नारी निकेतन भेजने के आदेश कर दिए। इस पर जूली ने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कराई। जिस पर उपखंड अधिकारी पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
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