शुक्रवार, 25 मई 2012

हंगामेदार रही नगर परिषद की बैठक

हंगामेदार रही नगर परिषद की बैठक

जैसलमेर। जैसलमेर नगरपालिका के नगरपरिषद मे तब्दील होने के बाद बुधवार को आयोजित पहली बैठक हंगामेदार रही। बैठक मे पार्षद कई बार आपे से बाहर हो गए, आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला और सदन मे वे उलझे भी। जब आम मुद्दो के साथ जब नए आयुक्त के साथ बैठक शुरू हुई तो इसका अनुमान किसी को नहीं था कि यह मुख्य एजेंडे से भटक जाएगी और वार्ड की समस्याएं गिनाने वाले पार्षद आरोप-प्रत्यारोप करने शुरू कर देंगे। बैठक मे महत्वपूर्ण बात यह रही कि नई जवाहर लाल नेहरू आवासीय कॉलोनी की दरें काफी विवाद के बाद आखिरकार तय कर दी गई। गौरतलब है कि कॉलोनी मे कुल 1353 भूखंडो मे से 1097 भूखंड आवंटित होने है, जबकि 256 की नीलामी की जानी है।

आयुक्त ने भूखंड की दर 200 रूपए प्रति वर्ग फीट सुझाई, जिस पर पार्षदो ने विरोध जताते हुए दर 100 रूपए प्रति वर्ग फीट करने की मांग की। अंत मे 125 रूपए प्रति वर्ग फीट दर करने को लेकर सभी पार्षद राजी हुए, लेकिन आयुक्त ने आपत्ति जताई कि लागत 135 रूपए प्रति वर्ग फीट हो रही है। अंत मे सदन मे 125 रूपए प्रति वर्ग फीट की दर तय कर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का निर्णय किया गया। इससे पहले गत बैठक के एजेंडे को पढ़ने के बाद नगरपालिका आयुक्त आरके माहेश्वरी से पार्षद मगन सैन ने पूछा कि नगरपालिका के कौन-कौनसे खसरे पर अतिक्रमण हो रखे हैं, यदि आपको नहीं मालूम तो मैं बताता हूं।

पार्षद जगदीश चूरा ने प्रश्न किया कि शहर मे कितने परिवारो को हटाया गया और कितने कब्जे दिए गए, इसकी जानकारी दीजिए। उन्होने यह भी सवाल किया कि सूलीडूंगर से हटाए गए लोग गफूर भट्टा क्षेत्र मे कैसे बस गए? उन्होने कहा कि जो डीडीपी बनी हुई है, इसके अनुसार कच्ची बस्ती वालो को आवास निर्माण के लिए पैसा मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि कच्च्ी बस्ती वाले चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो रहे हैं। जब हम संबंधित अधिकारी को बुलाते हैं तो वे आने से मना कर देते है।

उलझे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष
बैठक के दौरान नगरपरिषद अध्यक्ष अशोक तंवर व उपाध्यक्ष चूरा आपस मे उलझ गए। जब चूरा ने कहा कि कच्ची बस्ती मे लोगो को समयबद्ध राशि नहीं मिल रही है। उन्होने भाई भतीजावाद की नीति अपनाने का आरोप लगाया। इस पर अध्यक्ष तंवर भड़क गए, उन्होने कहा कि कौन-कौन पीडित है,ं उनके नाम बताइए ताकि यह पता लग सके कि वे किसके भाई व भतीजे हैं।

विधायक ने दी सीख
नगरपरिषद की बैठक के दौरान के माहौल को देखकर भाजपा विधायक छोटूसिंह भाटी नाराज हो गए और वे पार्षदो को अनुशासन मे रहने की सीख देने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होने कहा कि जब तक पहले की बात पूरी न हो और उसे जवाब न मिले तब तक दूसरा न बोले। उन्होने अधिकारियो को भी कहा कि वे पार्षदो की बात का सही-सही जवाब दे,ं न कि उन्हे गुमराह करें।

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