"महिला चरित्रहीन है तो भी रेप जायज नहीं"
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को महिलाओं को लेकर एक आदेश में कहा कि भले ही कोई महिला चरित्रहीन हो फिर भी उसके साथ हुए रेप को जायज नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट का कहना है कि भले ही ऎसे मामले हों जिसमें रेप की शिकार महिला के अनेक लोगों से शारीरिक संबंध हो लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि वह खराब आचरण या नैतिक चरित्र वाली महिला है।
जस्टिस बी एस चौहान और जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने दिल्ली के नरेंद्र कुमार को लेकर यह फैसला सुनाया। उल्लेखनीय है कि निचली अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट ने नरेंद्र कुमार को रेप के आरोप में सात साल की कैद की सजा सुनाई थी। मामले को लेकर नरेंद्र कुमार ने दलील दी थी कि महिला चरित्रहीन थी और उसके कई लोगों के साथ उसके शारीरिक संबंध थे। कोर्ट ने नरेंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा हर महिला को अपनी गरिमा बचाने का अधिकार है और केवल इन कारणों के आधार पर उसके साथ हुए रेप को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को महिलाओं को लेकर एक आदेश में कहा कि भले ही कोई महिला चरित्रहीन हो फिर भी उसके साथ हुए रेप को जायज नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट का कहना है कि भले ही ऎसे मामले हों जिसमें रेप की शिकार महिला के अनेक लोगों से शारीरिक संबंध हो लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि वह खराब आचरण या नैतिक चरित्र वाली महिला है।
जस्टिस बी एस चौहान और जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने दिल्ली के नरेंद्र कुमार को लेकर यह फैसला सुनाया। उल्लेखनीय है कि निचली अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट ने नरेंद्र कुमार को रेप के आरोप में सात साल की कैद की सजा सुनाई थी। मामले को लेकर नरेंद्र कुमार ने दलील दी थी कि महिला चरित्रहीन थी और उसके कई लोगों के साथ उसके शारीरिक संबंध थे। कोर्ट ने नरेंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा हर महिला को अपनी गरिमा बचाने का अधिकार है और केवल इन कारणों के आधार पर उसके साथ हुए रेप को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
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