केयर्न इंडिया अपने सहयोगी ओएनजीसी के साथ राजस्थान ब्लॉक में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए 5 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इस निवेश की मदद से राजस्थान ब्लॉक की मौजूदा उत्पादन क्षमता, 175,000 बैरल प्रति दिन को बढ़ाकर 300,000 बैरल प्रतिदिन किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के बाड़मेर ब्लॉक में अपनी निवेश योजना और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की योजना के बारे में केयर्न इंडिया पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र लिखा है।
कंपनी ने बाड़मेर ब्लॉक में 25 क्षेत्रों की खोज की है और फिलहाल दो ब्लॉकों से उत्पादन किया जा रहा है। मंगला फील्ड से जहां 150,000 बैरल का उत्पादन हो रहा है वहीं भाग्यम क्षेत्र से 25,000 बैरल का उत्पादन हो रहा है। आने वाले वर्षों में ऐश्वर्या क्षेत्र से 10,000 बैरल का योगदान मिलेगा जबकि भाग्यम क्षेत्र से अतिरिक्त 15,000 बैरल का उत्पादन होगा। जिसके बाद बाड़मेर से कुल 200,000 बैरल का उत्पादन होने लगेगा और इसके लिए विकास योजना को सरकार पहले की मंजूरी दे चुकी है। फिलहाल कंपनी 175,000 बैरल तेल का उत्पादन कर रही है क्योंकि सरकार ने इतनी मात्रा में ही उत्पादन की अनुमति दी है।
रागेश्वरी और सरस्वती क्षेत्रों से इस साल ही उत्पादन शुरू हुआ है और फिलहाल इन दोनों क्षेत्रों से संयुक्त तौर पर 500 बैरल का उत्पादन हो रहा है। ऐश्वर्या क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। इसका ईपीसी अनुबंध दिया जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2012 के अंत तक यहां से उत्पादन शुरू हो जाएगा। केयर्न इंडिया राजस्थान ब्लॉक की संचालक है जिसमें उसकी भागीदारी 70 फीसदी जबकि उसकी सहयोगी कंपनी ओएनजीसी की भागीदारी 30 फीसदी है। राजस्थान में 150 से अधिक कुंओं की खुदाई की जा चुकी है।
कंपनी ने बाड़मेर ब्लॉक में 25 क्षेत्रों की खोज की है और फिलहाल दो ब्लॉकों से उत्पादन किया जा रहा है। मंगला फील्ड से जहां 150,000 बैरल का उत्पादन हो रहा है वहीं भाग्यम क्षेत्र से 25,000 बैरल का उत्पादन हो रहा है। आने वाले वर्षों में ऐश्वर्या क्षेत्र से 10,000 बैरल का योगदान मिलेगा जबकि भाग्यम क्षेत्र से अतिरिक्त 15,000 बैरल का उत्पादन होगा। जिसके बाद बाड़मेर से कुल 200,000 बैरल का उत्पादन होने लगेगा और इसके लिए विकास योजना को सरकार पहले की मंजूरी दे चुकी है। फिलहाल कंपनी 175,000 बैरल तेल का उत्पादन कर रही है क्योंकि सरकार ने इतनी मात्रा में ही उत्पादन की अनुमति दी है।
रागेश्वरी और सरस्वती क्षेत्रों से इस साल ही उत्पादन शुरू हुआ है और फिलहाल इन दोनों क्षेत्रों से संयुक्त तौर पर 500 बैरल का उत्पादन हो रहा है। ऐश्वर्या क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। इसका ईपीसी अनुबंध दिया जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2012 के अंत तक यहां से उत्पादन शुरू हो जाएगा। केयर्न इंडिया राजस्थान ब्लॉक की संचालक है जिसमें उसकी भागीदारी 70 फीसदी जबकि उसकी सहयोगी कंपनी ओएनजीसी की भागीदारी 30 फीसदी है। राजस्थान में 150 से अधिक कुंओं की खुदाई की जा चुकी है।
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