यूक्रेन की संसद में लात घूंसे,स्पीकर को पीटा
कीव। यूक्रेन की संसद में रूसी भाषा पर लाए गए एक बिल को लेकर संसद में जमकर हंगमा हुआ। हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद आपस में उलझ पड़े। विपक्षी दल के एक सांसद के सिर में गहरी चोट आई। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बिल पर वोटिंग से पहले ही राष्ट्रपति यानूकोविच की पार्टी के सांसद पश्चिमी देशों के समर्थक विपक्षी सांसदों से भिड़ गए। सूत्रों के मुताबिक एक सांसद ने स्पीकर की भी धुनाई कर दी।
10 सांसदों ने एक दूसरे पर लात और घूंसे मारे। इस दौरान एक सांसद मिकोला पेट्रक के सिर पर गंभीर चोट लगी।
उसके सिर से खून बहने लगा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। संसद में लाए गए बिल में प्रावधान है कि कोर्ट,अस्पताल और अन्य संस्थानों में रूसी भाषा का इस्तेमाल हो। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि यूक्रेन को रूस की छाया से बाहर निकाला जाए। यूक्रेन की संसद में ऎसा नजारा पहली बार दिखाई नहीं दिया है। इससे पहले दिसंबर 2010 में भी संसद में सांसद आपस में झगड़ पड़े थे। उस दौरान 6 सांसद घायल हो गए थे। यूक्रेन भाषाई आधार पर पूरी तरह बंटा हुआ है। रूसी भाषा बोलने वाले लोग रूस के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं। जबकि अन्य भाषा बोलने वाले पश्चिमी देशों के समर्थक हैं।
कीव। यूक्रेन की संसद में रूसी भाषा पर लाए गए एक बिल को लेकर संसद में जमकर हंगमा हुआ। हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद आपस में उलझ पड़े। विपक्षी दल के एक सांसद के सिर में गहरी चोट आई। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बिल पर वोटिंग से पहले ही राष्ट्रपति यानूकोविच की पार्टी के सांसद पश्चिमी देशों के समर्थक विपक्षी सांसदों से भिड़ गए। सूत्रों के मुताबिक एक सांसद ने स्पीकर की भी धुनाई कर दी।
10 सांसदों ने एक दूसरे पर लात और घूंसे मारे। इस दौरान एक सांसद मिकोला पेट्रक के सिर पर गंभीर चोट लगी।
उसके सिर से खून बहने लगा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। संसद में लाए गए बिल में प्रावधान है कि कोर्ट,अस्पताल और अन्य संस्थानों में रूसी भाषा का इस्तेमाल हो। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि यूक्रेन को रूस की छाया से बाहर निकाला जाए। यूक्रेन की संसद में ऎसा नजारा पहली बार दिखाई नहीं दिया है। इससे पहले दिसंबर 2010 में भी संसद में सांसद आपस में झगड़ पड़े थे। उस दौरान 6 सांसद घायल हो गए थे। यूक्रेन भाषाई आधार पर पूरी तरह बंटा हुआ है। रूसी भाषा बोलने वाले लोग रूस के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं। जबकि अन्य भाषा बोलने वाले पश्चिमी देशों के समर्थक हैं।
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