शुक्रवार, 11 मई 2012

जन सुनवाई व रात्रि चौपाल सिर्फ खानापूर्ति!


जन सुनवाई व रात्रि चौपाल सिर्फ खानापूर्ति!



जनसुनवाई के दौरान सामने आई समस्याओं का अब तक नहीं हुआ निपटारा

बालोतरा व सिवाना उपखंड क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों की ओर से जनसुनवाई व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से गांवों में रात्रि चौपाल का नियमित आयोजन हो रहा है। राज्य सरकार ने जिस उद्देश्य से इन शिविरों का आयोजन शुरू किया है, उस पर गौर करें तो ये आयोजन मात्र खानापूर्ति नजर आते हैं। चाहे जनप्रतिनिधियों की ओर से ग्रामीणों को जन सुनवाई में दिए गए आश्वासन हों या रात्रि चौपालों में किए जाने वाले कमिटमेंट। उनमें से एकाध प्रकरण का ही समाधान हो पाता है। उदाहरण के तौर पर सिवाना में प्रभारी मंत्री दिलीप चौधरी, अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल व कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की ओर से 24 फरवरी को जनसुनवाई की गई। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ने समस्याएं सुनाईं, इन पर कई आश्वासन दिए गए, जो अब तक पूरे नहीं हुए।

मिठोड़ा निवासी विजाराम देवासी ने पेंशन के लिए एक नहीं दो बार आवेदन किए, लेकिन विजाराम को अब तक पेंशन स्वीकृत नहीं हुई। विजाराम का कहना है कि कलेक्टर की रात्रि चौपाल के दौरान मिठोड़ा में पेंशन के लिए अर्जी दी थी, जहां आश्वासन के बाद सिवाना में प्रभारी मंत्री की जन सुनवाई में फिर से आवेदन किया। मगर आज भी पेंशन से महरूम है।

कुसीप ग्राम पंचायत के राजस्व गांव हरमलपुरा के ग्रामीणों ने राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने की मांग की थी। पक्का आश्वासन मिला, लेकिन अब तक कुछ ही ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन मिल पाए हैं।

इंद्राणा गावं के ग्रामीणों ने गांव में बढ़ रहे अतिक्रमण को रोकने एवं अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस पर सख्त हिदायतें दी गई, मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

गुड़ानाल के ग्रामीणों की ओर से जनसुनवाई में जीएसएस की चारदीवारी में अतिक्रमण होने की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों ने जनसुनवाई में आरोप लगाया था कि कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए जीएसएस की चारदीवारी में कब्जा कर बैठे हैं। वहां पर चारदीवारी भी आधी-अधूरी पड़ी है। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने जांच कर अतिक्रमण हैं तो तत्काल हटाने के निर्देश दिए, मगर आज भी स्थिति जस की तस है।
ऐसी लिस्ट हमको दो, हम काम करवा सकें

॥यदि ऐसे कोई केस हैं तो उनकी लिस्ट हमको दो, हम संबंधित अधिकारी को निर्देश देकर काम करवाएंगे।

डॉ. वीणा प्रधान, कलेक्टर, बाड़मेर






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