बिजली निगम के निदेशक सी.एस. चंडालिया ने बताया कि जैसे ही बिजली की उपलब्धता होगी कटौती समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रिड अनुशासन को सुनिश्चित करने के लिए ही कटौती की जा रहा है। देशभर में 35,000 मेगावाट की कमी चल रही है।
इसके अलावा राजस्थान में सूरतगढ़ की एक, छबड़ा की दो, बरसिंगसर की दो, धौलपुर की दो, राज वेस्ट की दो इकाइयां बंद होने से बिजली की सप्लाई पर असर आ रहा है। इसके चलते राज्य में 1500 मेगावाट की कमी है। अभी 1150 लाख यूनिट की उपलब्धता है, जबकि गर्मी के कारण 1400 यूनिट की मांग है।
करीब 250 लाख यूनिट की कमी चल रही है। इस कमी को देखते हुए बिजली निगम की ओर से 100 से 150 लाख यूनिट एक्सचेंज से खरीद की जा रही है। फिर भी एक्सचेंज के कम बिजली मिलने के कारण पूर्ति नहीं हो पा रही है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पवन ऊर्जा से भी कभी कभी उत्पादन 1000 मेगावाट से कम होकर 500/100 मेगावाट तक ही रह जाता है। उससे भी अनियमित कटौती की जा रही है।
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