शुक्रवार, 11 मई 2012

तहसीलदार ने 14 साल के बालक को दी ३ माह की सजा


तहसीलदार ने 14 साल के बालक को दी ३ माह की सजा

सवाई माधोपुरत्न सवाई माधोपुर के तहसीलदार ने सरकारी जमीन पर खेती करने के आरोप में 14 साल के बालक को तीन माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। बालक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस से वारंट भी जारी करा दिए गए हैं। तहसीलदार महेशचंद शर्मा ने संबंधित पटवारी तथा रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह आदेश जारी किए। बालक असलम पर लगान के 182 रु. का अर्थदंड भी किया गया है। पटवारी को आदेश दिए गए हैं कि वह असलम को भूमि से बेदखल करे तथा जुर्माना वसूले।

पटवारी की रिपोर्ट पर सुनाई है सजा : नायब तहसीलदार

नायब तहसीलदार रूप सिंह ने कहा कि पटवारी की रिपोर्ट पर तहसीलदार सजा सुनाते हैं। पटवारी ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसी के आधार पर तहसीलदार ने यह सजा सुनाई होगी। पटवारी की रिपोर्ट पर ही आगे पत्रावलियां चलती हैं, लेकिन उसमें आरोपी की आयु नहीं होने के कारण ऐसा हुआ होगा। जब नायब तहसीलदार से पूछा गया कि आदेश में तहसीलदार ने अतिचारी को सामने उपस्थित होने के बारे में भी लिखा है तो इस पर नायब तहसीलदार ने पटवारी की गलती बताई।

किशोर न्यायालय ही दे सकता है सजा

एडवोकेट महेंद्र वर्मा का इस संबंध में कहना है कि असलम नाबालिग है। नाबालिग को सजा सुनाने का अधिकार किशोर न्यायालय बोर्ड को ही होता है। असलम की वर्ष 2011-12 की कक्षा सातवीं की अंकतालिका में जन्मतिथि 15 जुलाई, 1998 है। तहसीलदार को बालक की मां को सजा देनी चाहिए थी। निर्णय में यह अंकित है कि तहसीलदार के सामने अतिचारी उपस्थित हुआ था, फिर बालक को देखने के बाद भी तहसीलदार ने किस आधार पर और कौन से कानून के तहत सजा सुनाई।

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